11 माह बाद दर्ज हुआ शासकीय उचित मूल्य दुकान धावाडोंगरी के विक्रेता पर अनाज गबन का मामला 

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संपादक प्रकाश मिश्रा 8963976785
जनपथ टुडे डिंडौरी : 03 नवंबर, 2025- शासकीय उचित मूल्य दुकान धावाडोंगरी में अनियमितताओं की जांच के दौरान भारी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। शिकायत पत्र के मुताबिक दिसंबर 2024 में धवाडोंगरी (करंजिया) में संचालित उचित मूल्य की दुकान की जांच सहायक आपूर्ति अधिकारी शमीम ख़ान द्वारा की गई थी उक्त जांच में पाया गया कि दुकान संचालक छत्रपति मरावी द्वारा 222.77 क्विंटल चावल, 56.39 क्विंटल गेहूं, 54 किलो शक्कर तथा 40 किलो मूँग की अफरा-तफरी कर गबन किया गया है।
गबन के मामले में अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बजाग के आदेशानुसार सहायक आपूर्ति अधिकारी शमीम ख़ान द्वारा आज 3 नवम्बर 2025 को पुलिस थाना गाड़ासरई में विक्रेता छत्रपति मरावी के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई है। सहायक आपूर्ति अधिकारी द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर
विक्रेता के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(5) एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत अपराध क्रमांक 312/2025 दर्ज किया गया है। मामले की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है।

 11 माह बाद हो पाई विक्रेता के खिलाफ कार्यवाही दिसंबर 2024 में हुई थी जॉच 

दर्ज कराई गई शिकायत में सहायक आपूर्ति अधिकारी द्वारा बताया गया है कि जिस अवधि में जांच की गई थी उस समय शासकीय उचित मूल्य की दुकान धावाडोगरी में भौतिक रूप से उपलब्ध स्टाक का विवरण दिनांक 12.12.2024 की स्थिति के अनुसार वस्तु का नाम, POS मशीन/AEPDS पोर्टल पर प्रदर्शित मात्रा क्लिटल में, भौतिक रूप से पाई गई मात्रा क्लिटलं में, अंतर (कम या अधिक क्लिट में), रिमार्क, गेहू, 56.39, 0, 56.39, कम मिला, फोर्टिफाईड चावल 222.77, 0, 222.77, कम मिला, शक्कर, 0.54, 0, 0.54, कम मिला, फोर्टीफाईड नमक, 0, 2,2, अधिक मिला, मूंग, 0.4, 0. 0.4. कम मिला था । इसके अलावा शासकीय उचित मूल्य दुकान धावाडोंगरी  मे निगरानी समिति का बोर्ड, भाव सूची बोर्ड तथा दैनिक स्टाक बोर्ड प्रदर्शित होना भी नही पाया गया  तथा विक्रेता द्वारा स्टाक पंजी का विधिवत संधारण नहीं किया गया था। इस प्रकार शासकीय उचित मूल्य दूकान धावाडोगरी के विक्रेता छत्रपति मरावी द्वारा 222.77 क्विटल फोर्टिफाईड चावल, 56.39 क्विटल गेहू, शक्कर 0.54 क्विटल तथा मूंग 0.40 क्विटल की अफरा-तफरी कर अवैध लाभ अर्जित कर गबन किया गया जिसकी बाजार मूल्य दर पर कुल राशि 1056361/- रूपये है। जो विक्रेता छत्रपति मरावी द्वारा म०प्र० म०प्र० सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) आदेश 2015 की कंडिका 10(4), 11 (1), 11(2), 11(3), 11(9) तथा 13 (2) का स्पष्ट उल्लघंन किया गया है, साथ ही कि इसी आदेश की कंडिका 16 तथा अत्यावयस्क वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दंडनीय अपराध है।

सरकारी सिस्टम पर सवाल 

11 माह पहले गबन के मामले में हुई जांच पर आज प्राथमिकी दर्ज होना सरकारी सिस्टम पर सवालिया निशान लगाता है। यदि जांच के ठीक बाद मामला दर्ज हो जाता तो अब तक सही फैसला हो चुका होता। कार्यवाही में विलंब होना कई सवालों को जन्म देता है। बहरहाल अब मामला पुलिस के संज्ञान में आ चुका है तो समय पर कार्यवाही की अपेक्षा की जा सकती है।

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