जनपद पंचायत बजाग में आयोजित हुआ दो दिवसीय जीपीडीपी प्रशिक्षण

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एस डी एम राम बाबू देवांगन ने कहा भौतिक संसाधनों को ग्राम पंचायत डेवलेपमेंट प्लान(GPDP) में करे शामिल

संपादक प्रकाश मिश्रा 8963976785

जनपथ टुडे डिण्डौरी 06 नवम्बर 2025- पेशा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्राम सभा मोबिलाइजर को जीपीडीपी तैयार करने हेतु दो दिवसीय प्रशिक्षण जनपद पंचायत बजाग में आयोजित किया गया जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी बजाग, रामबाबू देवांगन के द्वारा सभी सरपंच एवं मोबिलाइजर को प्रशिक्षण देते हुए बताया गया कि वह सभी ग्राम पंचायत को स्थानीय विकास की योजना बनाने में अपना विशेष योगदान देवे एवं अपने ग्राम स्तर की विभिन्न समस्याएं जैसे पेयजल की समस्या, स्वच्छता,सड़क आदि के निर्माण की योजना भी ग्राम सभा से पारित कर इस जीपीडीपी में शामिल करें, उन्होंने यह भी बताया की सभी अपने-आप ने ग्राम पंचायत को स्वच्छ व साफ सुथरा रखें जिस प्रकार हम अपने घर को स्वच्छ व साफ रखते हैं उसी प्रकार पंचायत को भी स्वच्छता के साथ चलावे एवं प्रत्येक सरपंच कम से कम सप्ताह में एक दिन ग्राम पंचायत में बैठे जिससे हितग्राही पंचायत में आकर अपनी समस्याओं का समाधान कर सके साथ ही आपने बताया कि साथी इस प्रशिक्षण में आकांक्षी विकासखंड फेलो डॉ विकास जैन,मास्टर ट्रेनर्स सीता सिंह एवं  प्रेम सिंह ने भी विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया।

 

रामबाबू देवांगन ने कहा कि GPDP एक योजना है जिसके तहत हर ग्राम पंचायत को अपने स्थानीय विकास की योजना खुद बनाने और लागू करने का अधिकार दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि गांव का विकास गांव के लोगों की जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुसार हो ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों (सरपंच, पंचायत सचिव, सदस्य आदि) को यह सिखाना कि योजना कैसे बनाई जाती है। पंचायत स्तर पर उपलब्ध संसाधनों, योजनाओं और बजट का सही उपयोग कैसे करें। गांव के लोगों को भागीदारीपूर्ण योजना प्रक्रिया (Participatory Planning) के लिए प्रेरित करना, SDGs (Sustainable Development Goals) को पंचायत स्तर पर लागू करने की समझ देना ये बात GPDP (Gram Panchayat Development Plan) का सबसे अहम हिस्सा है — क्योंकि योजना बनाना तो आसान है, लेकिन संसाधनों, योजनाओं और बजट का सही उपयोग करना ही असली कुशल पंचायत का पहचान है।

आकांक्षी विकासखंड फेलो डॉ विकास जैन के द्वारा बताया गया कि उपलब्ध संसाधनों की पहचान पहला कदम है — गांव में क्या-क्या उपलब्ध है, ये जानना। भौतिक संसाधन (Physical Resources) पंचायत भवन, आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल, स्वास्थ्य उपकेंद्र, सड़क, तालाब, कुएँ आदि। कृषि भूमि, चरागाह, जलस्रोत, वनभूमि। मानव संसाधन (Human Resources) गांव के कुशल व्यक्ति — शिक्षक, मिस्त्री, किसान, महिला स्वयं सहायता समूह (SHGs), युवा क्लब आदि। वित्तीय संसाधन (Financial Resources) पंचायत को मिलने वाले विभिन्न फंड 15वें वित्त आयोग निधि MGNREGA फंड स्वच्छ भारत मिशन फंड राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) राज्य योजनाएं और CSR फंड पंचायत को इन सबका Resource Mapping करनी चाहिए — यानी “क्या है, कहाँ है, और कितना है” की सूची बनाना।

मास्टर ट्रेनर्स सीता सिंह एवं श्री प्रेम सिंह के द्वारा बताया गया कि अक्सर अलग-अलग योजनाओं के तहत समान कार्य किए जा सकते हैं। अगर पंचायत समन्वयित तरीके से काम करे तो फंड का दुरुपयोग नहीं होगा और प्रभाव कई गुना बढ़ेगा। GPDP प्रशिक्षण में प्रशिक्षक द्वारा बताई गई मुख्य बातें GPDP में यह भी शामिल हैं कि ग्राम पंचायत विकास योजना, यह योजना गांव के लोगों की भागीदारी से बनाई जाती है। हर पंचायत को हर साल एक विकास योजना बनाना जरूरी है। इसका उद्देश्य — गांव का सर्वांगीण विकास (आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय आदि) प्रशिक्षण में संतोष बरमैया, ज्योति पड़वार, सोमल सिंह, कान्हा नंदा का विशेष सहयोग रहा।

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