“कोरोना से मौत से अधिक लोगों में खाने की बेचैनी” दिखाता बाजार का नज़ारा

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जिला मुख्यालय की बाजार में उमड़ती भीड़

पुलिस के प्रयासों को विफल करने में जुटे लोग

जनपद टुडे,अप्रैल, 23, 2020
जिला प्रशासन द्वारा आज दोपहर 12:30 से 26 अप्रैल सुबह 7:00 बजे तक के लिए कंप्लीट लॉक डाउन करके की घोषणा के बाद आज आवश्यक सामग्री खरीदने हेतु दी जाने वाली छूट सुबह 7:00 से 12 बजे तक बाजार का माहौल इस तरह नजर आया है जैसे सामान्य दिनों में हुआ करती है।

बाजार में उमड़ती भीड़ को देखकर लगता कुछ ऐसा है कि कोरोना संक्रमण से हो रही मौतों से ज्यादा बेचैनी लोगों को खाने पीने की की सामग्री पाने की है।


क्योंकि सुबह 7:00 से 12:00 बजे तक लोगों को आवश्यक सामग्री खरीदने हेतु ढील दी जाती है उस दौरान लोग बेतहाशा सड़कों पर दौड़ते हैं न तो यातायात नियमों का पालन किया जाता है न ही कोरोना संक्रमण से संबंधित नियमों का, जबकि विगत लगभग 1 माह से शासन द्वारा कोरोना संक्रमण को रोकने लॉक डॉउन लगाया गया है, ताकि बाजारों में भीड़ न बढ़े और कोरोना के फैलाव को रोका जा सके, किंतु बाजार में मची अफरा-तफरी ना तो नियमों का पालन किया जा रहा है न यातायात नियमों का पालन किया जा रहा है पुलिस प्रशासन व्यवस्था बनाने में जुटा हुआ है किंतु न तो कोई पुलिस की बात मानने तैयार है और न ही शासन के निर्देशों का पालन करने तैयार है।

बाजार में न तो सोसल डिस्टेंस का पालन हो रहा है और न ही लोग पर्याप्त एहतियात बरत रहे हैं ढंग से मास्क तक लगा कर नहीं निकलते लोग बस सिर्फ औपचारिक खानापूर्ति कर गमछा और रुमाल बांधे घूमते है लोग।

 

थोक की दुकानों पर मनमानी और भाव बढ़े

जिला मुख्यालय के थोक दुकानदारों की दुकान पर तो अत्यधिक बुरी हालत नजर आती है यहां पर भीड़ को नियंत्रित करने के निर्देशों का पालन करने की कोई व्यवस्था दुकानदारों द्वारा नहीं की जा रही है और ना ही यहां पर पुलिस मुस्तैद है।

गौरतलब है कि इन दुकानों पर जिला मुख्यालय के तमाम दुकानदारों की भीड़ होती है। डिंडोरीके थोक व्यापारियों पर मनमाने भाव बढ़ाने का भी आरोप है बताया जाता है कि शक्कर, तेल, मसाले, साबुन शैंपू सैनिटाइजर जैसी चीजों के अलावा तंबाकू, गुटका, सुपारी पान मसाला मनमानी कीमतों पर बेचा जा रहा है।

 

गुटका पर प्रतिबंध लगाया गया है

शासन द्वारा विगत दिनों गुटका पर प्रतिबंध किए गया है पर जिला मुख्यालय में न केवल पुराना माल बेचा जा रहा है बल्कि रोज ये सामग्री बेचने हेतु आ भी रही है। जिले में गुटका पर प्रतिबंध हेतु प्रशासन को थोक की दुकानों और एजेंसियों पर ही नियंत्रण हेतु कार्यवाही आवश्यक है ताकि चोरी छिपे बिक रहे इन पदार्थों पर रोक लग सके।

जिला प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रूप से करवाने के लिए सख्ती बरतने की अत्यधिक आवश्यकता है दूसरी ओर गुटका के प्रतिबंध लगाने हेतु तथा भावो की कालाबाजारी पर रोक हेतु कठोर कार्यवाही की जनापेक्षा है।

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