मजबूर है मजदूर, और खतरनाक सफर

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 17 मई 2020, कोरोना का कहर है और सबसे अधिक परेशानी उन मजदूरों को है जो काम की तलाश में अपने घर से दूर शहरों में काम करने गए थे, सैकड़ों मील की दूरी पर अचानक से 2 माह के लिए बंद परिवहन के साधन और जहां ये काम या मजदूरी करते थे वो भी लॉक डॉउन की चपेट में आ गए अब भूखे रहने या फिर वापस अपने घर जाने की मजबूरी वो भी बस और ट्रेन के बिना, तब गरीब मजदूरों के पास पैदल चलने के अलावा कोई और जरिया बचा नहीं है, इन पैदल चलते लोगों को। कहीं कुछ सहारा जरूर मिल जाता है ऐसा ही एक नजारा हमें दिखाई दिया पंडरिया की ओर जाने वाले मार्ग पर, माल भरे एक ट्रक पर सवार कुछ मजदूर बस अपने घर पहुंचने की बेबसी में ये जोखिम उठा रहे है, इस तरह से सवारी बिठाना भी गैरकानूनी है पर कुछ ड्राईवर इन मजदूरों की परेशानी देख विवश हो जाते है और मानवीय संवेदनाओं के चलते इनको बिठा ट्रक के ऊपर बिठा लेते है।

ऐसे बहुत से मजदूरों से मिली जानकारी से ये पता चलता है कि इस तरह पैदल चलते मजदूरों से अधिकतर सहारा देने वाले वाहन चालक किराया भी नहीं लेते ऊपर से इनकी हर संभव मदद भी करते है।

 

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