गोरखपुर – गाड़ासरई क्षेत्र में रेत माफियाओं का खुला धमाल

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राजनीतिक रसूखदार बने है नर्मदा की रेत के दलाल

रेत का ठेका जिस ठेकेदार ने लिया है वो कानूनी प्रक्रिया पूरी करने में परेशान है और उसे अनुमति नहीं मिल पा रही है, जबकि जिले में निर्माण कार्यों को अनुमति दे दी गई है। जब जिले में वैधानिक तौर पर रेत की निकासी ही नहीं हो रही है तो फिर निर्माण कार्य कैसे किए जायेगे? जब इस बात की जानकारी सभी को है कि रेत की खदानें चालू नहीं है और निर्माण कार्य भी किए जाने है ऊपर से बरसात आने में केवल 20 से 25 दिन का समय बाकी है तब भी रेत की खदानें शुरू न होने से निर्माण कार्य करवाने वालों की लिए बड़ी कठिनाई होगी वहीं ठेकेदार और उससे सरकार को मिलने वाले लाखों के राजस्व की क्षति भी होगी। गौरतलब है कि इन सब बातों से माफिया बेफिक्र है और वो *लॉक डॉउन”* की स्थिति होते हुए भी पूरे जिले में पुलिस की मुस्तैदी के बाद भी रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है, इस पर न तो पुलिस अंकुश लगा रही है न ही खनिज विभाग ने अब तक इसपर किसी तरह की कार्यवाही करने का हौसला दिखाया है।

 

प्रतिबंध के बाद भी जिले में नर्मदा से हो रही रेत की अवैध निकासी, प्रशासन मौन

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 21 मई 2020,  जिले के गाड़ासरई और गोरखपुर के आस पास की सड़कों पर, जबलपुर मुख्यमार्ग पर शाम होते ही रेत से लदे डंफर और ट्रक सरपट भागते नजर आते है, जबकि इस क्षेत्र में कहीं भी किसी रेत खदान से रेत उत्खनन की अनुमति किसी को नहीं दी गई है। तब ये रेत कहां से आ रही है ये सवाल उठता है। इसकी पड़ताल करने पर प्राप्त जानकारी के अनुसार लालखाती, सिवनी संगम, रूसा बंजर सहित शोभापुर, पाटन घाट, मोहतरा आदि जगहों से अवैध रूप से दिन में रेत का उत्खनन कर इसे जमा किया जाता है और शाम को रेत डंफर और ट्रकों में लाद दी जाती है, रात होते ही ये डंफर और ट्रक सडको पर दौड़ने लगते है, बिना रॉयल्टी और बिना किसी अनुमति के धड़ल्ले से माफियाओं द्वारा किए जा रहे रेत के इस अवैध परिवहन को लॉक डॉउन के दौरान सड़कों पर बताते है कि इस क्षेत्र के कुछ लोग जो कि अपने इस अवैध कारोबार को संचालित करने के लिए ही राजनीति में सक्रिय है और अपने इसी रसूख व राजनीतिक संबंधों व अधिकारियों की चाटुकारिता के चलते खुलेआम रेत का अवैध कारोबार करते आ रहे है। विगत वर्षो से इस क्षेत्र में रेत का काला कारोबार इसी तरह से चल रहा है, पिछले कई वर्षो से इस क्षेत्र की रेत खदानों की नीलामी नहीं हुई है फिर भी यहां की खदानों पर माफियाराज कायम है वहीं नर्मदा से भी रेत की निकासी इन माफियाओं के द्वारा की जाती रही है। गोरखपुर में कुछ रेत माफियाओं के नाम की जानकारी पूरे जिले के लोगो को है। सूत्रों से हमें गोरखपुर और गाड़ासरई के लगभग दर्जन भर लोगों की जानकारी प्राप्त हुई है जो सालों से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे है और इलाके के नामी सेठो में इनकी गिनती होती है, अपने आप को इन तस्करों ने प्रतिष्ठित बना कर रखा हुआ है, साथ ही साथ आसपास के लगभग आधा सैकड़ा ट्रैक्टर मालिक भी रेत के अवैध खनन का काम करते है। इन दिनों खनिज विभाग के अमले के जिला मुख्यालय में कोरांटाइन रहने और पुलिस द्वारा इन माफियाओं को खुली छूट दिए जाने से रेत का अवैध कारोबार और भी जम कर फल फूल रहा है, और सरकार को जमकर चूना लगाया जा रहा है, दूसरी तरफ जिले में रेत की वैध खदानों को अनुमति न मिलने से रेत की मांग भी अधिक है। जिसके चलते ये माफिया करंजिया से कूड़ा और बोंदर से होते हुए समनापुर, अमरपुर तक रेत का कारोबार अपने मनमाफिक दामों में कर रहे है कहने को तो सभी जगह इन दिनों पुलिस चौबीस घंटे मुस्तैद है फिर भी बिना रायलटी के रेत का परिवहन करने वाले इन माफियाओं के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही संभव नहीं हो पाई है जो पुलिस चौकसी का नमूना है।

 

माफियाओं द्वारा नर्मदा की रेत का अवैध भंडारण

माफियाओं द्वारा बिना किसी अनुमति के नर्मदा से रेत निकालकर आस पास के गांवों में भंडारण किया जा रहा है। अवैध रेत के जमा डंप पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती जबकि इस रेत की रायलती की किसी के पास कोई रशीद नहीं है फिर भी बड़ी मात्रा में रात में नर्मदा से निकाल कर डंप की जाती है। प्रशासन को इस पूरे क्षेत्र में जगह जगह जमा रेत के स्टाको के विरूद्ध कठोर कार्यवाही आवश्यक है।

गोरखपुर के कुछ कारोबारी बड़ी सहजता से जवाब देते है की सब कर रहे है तो वो भी कर रहे है। ऐसे जवाब सुनकर यही लगता है कि ये कोई अवैध कार्य नहीं कर रहे बल्कि सामान्य तरीके से सब कुछ चल रहा है और प्रशासन मौन बैठा है, जबकि जाहिर तौर पर सरकार को लाखों के राजस्व की क्षति भी पहुंचाई जा रही है और शासन के नियमों को तोड़ा जा रहा है।

इस पूरे मामले पर नर्मदा के सभी घाटों पर चल रहे अवैध उत्खनन, परिवहन में शामिल लोगों और वाहनों, साथ  ही साठगांठ में मुख्य भूमिका निभा रहे एक जिम्मेदार का पूरा खुलासा होगा अतिशीघ्र।

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