
भदराटोला वासियों की पेयजल की समस्या का निदान नहीं हो पाया, गर्मी गुजरने पे है
पीने के लिए पानी नहीं, दावे बड़े बड़े
जनपथ टुडे, डिंडोरी -बजाग,9 जून 2020, नल जल योजना, सतही जल योजना, हर घर तक शुद्ध पेयजल, के सरकारों के दावे और अरबों खरबों करोड़ों की परियोजनाएं आमजन के साथ मात्र छलावा है। स्थानीय निकाय पंचायत, जनपद, जिला पंचायत, पीएचई विभाग उसका पेयजल समस्या के निदान के लिए स्थापित होने वाला कंट्रोल रूम और जिले में पेयजल के लिए टैंकरों से आपूर्ति के नाम पर लाखों रुपए की होली कौन डकार जाता है पता नहीं। पर एक आदिवासी गांव के लोगों के पास 50 साल पुराना एक जर्जर कुआं जिसका सुधार भी न करवा पाने वाली व्यवस्था निकम्मी है।
उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत बजाग की विक्रमपुर पंचायत के भदरा टोला में एकमात्र हैंडपंप बंद है पूरी गर्मी गुजर चुकी है और यहां लोग दूरी पर बने एक पुराने बिल्कुल जर्जर हो चुके कुएं से पीने का पानी लाते हैं, जिसमें न तो पर्याप्त पानी है न ही पीने के लिए उपयुक्त माना जा सकने वाला जल। इस पूरे मामले पर जनपथ टुडे ने 29 मई को खबर प्रसारित किए जाने के साथ ही ग्राम पंचायत के
सचिव, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा विभाग के कार्यपालन यंत्री से चर्चा भी की थी। मैदानी अमले को जानकारी नहीं थी अब कार्यपालन यंत्री पीएचई विभाग का कहना है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट जनपद को दे दी है टैंकर से पेयजल की व्यवस्था करवाना उनका कार्य है।
ग्राम पंचायत ने पूरी गर्मी में मात्र एक दिन एक टैंकर पानी ग्राम वासियों को देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। समस्या जस की तस है ग्रामीणजन हलकान है। जिम्मेदार कागजों पर खानापूर्ति करने में जुटे है।
यहां न नल जल योजना बनाई गई न कोई कुआ बनाया गया न ही बंद पड़े हैंडपंप का सुधार हुआ, जैसे तैसे भटकते गरीब मजदूरों की प्यास बुझा रहा है एक जर्जर कुंआ और जिम्मेदार झूठी जानकारियों के बूते अपनी नौकरी चला रहे हैं।
ग्राम पंचायत सचिव का कहना है टैंकर से पेयजल आपूर्ति की जा रही है गांव में एक कुएं का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। आज हम फिर टैंकर फिर भेजेंगे जर्जर कुएं की सफाई भी करवा दी गई है।
पंचायत के दावे जो भी कहे पर पूरी गर्मी गुजरने के बाद कल हमारे प्रतिनिधि ने गांव के लोगों से चर्चा की और उन्होंने बताया कि अब तक समस्या का कोई समाधान पूरी तरह नहीं किया गया है सिर्फ एक टैंकर पानी एक दिन भेजने के बाद पंचायत ने अपनी जवाबदारी की इतिश्री कर ली है लोग अब भी परेशान है।
– धर्मेंद्र मानिकपुरी की रिपोर्ट