औरई पंचायत के सरपंच – सचिव डकार गए 4.55 लाख रुपए की सी सी रोड़

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वर्ष 2017 में ₹4.55 लाख का भुगतान हो गया पर अब तक काम शुरू भी नहीं हुआ

 

जनपद टुडे, डिंडोरी, 17 जून 2020, जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित ग्राम पंचायत औरई के यूं तो कई कारनामे चर्चा में रहे हैं किंतु ग्राम पंचायत का एक बड़ा कारनामा यह है कि 27 जनवरी 2016 को गुलाब के घर से आवास टोला महेश के घर तक स्वीकृत 3.75 लाख रुपए लागत की सीसी रोड निर्माण की राशि पंचायत के सरपंच और सचिव पूरी की पूरी डकार गए और इस स्थल पर आज तक कार्य की शुरुआत भी नहीं हुई। जबकि 3.75 लाख रुपए की स्वीकृति के विरुद्ध पंचायत द्वारा 10.10. 2016 से लेकर 27.10. 2017 तक ₹4.55 लाख का भुगतान, फर्जी बिलों के आधार पर मटेरियल सप्लायरो को कर दिया। संभव है कि मजदूरी के भुगतान में भी कुछ राशि खर्च की गई होगी, और मटेरियल की राशि भुगतान किए जाने के 3 साल बाद आज की स्थिति में भी सड़क का निर्माण ही नहीं हुआ। जबकि 3.75 लाख की राशि स्वीकृत थी और मटेरियल सप्लायरों को :-

बाबूलाल परमार  65000, हरि शंकर पाठक          40500,  चंद्रेश कुमार 60000, अनिल ठाकुर           52500, यस ट्रेडर्स  90000,  हरिशंकर पाठक       147000   कुल  भुगतान –  455000

इस प्रकार पंचायत द्वारा 4 लाख 55 हजार रुपए का भुगतान 2017 में ही कर दिया गया। पंचायत में पदस्थ वर्तमान सचिव को इस निर्माण कार्य की कोई जानकारी ही नहीं है उनके पास कोई दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं है। जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंचायत में भ्रष्टाचार का यह हाल स्पष्ट करता है कि जनपद पंचायत के अधिकारियों का ग्राम पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार पर नाम मात्र का भी नियंत्रण नहीं है। वही तकनीकी मूल्यांकन करने वाले उपयंत्री व राशि जारी करने वाले विभाग पर भी सवाल उठते हैं कि आखिर निर्माण कार्य की स्वीकृति के 3 साल बाद भी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कैसे नहीं किया गया?

 

जब कार्य ही नहीं हुआ तब पंचायत के सरपंच और सचिव व जिन मटेरियल सप्लायरो को फर्जी भुगतान किया गया है शासकीय राशि के दुरुपयोग के मामले में संदेह के घेरे में जरूर आते हैं। इस मामले की जनपद और जिला पंचायत में पहले भी ग्रामवासियों द्वारा शिकायतें की जा चुकी है फिर भी आज तक न तो कार्य हो पाया न ही दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही हुई जो कि इस बात की ओर इशारा करता है कहीं न कहीं भ्रष्टाचार करने वाले सरपंच और सचिव को संरक्षण प्रदान किया जा रहा है।

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