
नगर परिषद की दुकान नीलामी में बंदरबांट की कोशिश के आरोप
( इरफान मालिक, जनपथ टुडे)
नगर परिषद द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया की जानकारी पार्षदों को तक नहीं
पी आई सी के निर्णय की परिषद को भी जानकारी नहीं
आमलोगों को भी नहीं लगी नीलामी की भनक
जनपथ टुडे, 2 जुलाई 2020, डिंडोरी, आपदा को अवसर में बदलने की कला नगर परिषद डिंडोरी से सीखी जा सकती है। नगर परिषद डिंडोरी इन दिनों काफी सुर्खियों में छाया हुआ है, नगर परिषद प्रशासन के द्वारा इस गंभीर कोरोना काल में भी चुपके चुपके एक ऐसे मिशन को अंजाम दिया जा रहा था, जिससे भविष्य में काफी हो हल्ला मचने की और बड़े विवाद की स्थिति निर्मित होने की पूर्ण संभावना दिखाई दे रही है। इस पूरे मामले को लेकर नगर परिषद और उनकी छवि जरूर धूमिल हों रही है और इस पूरे प्रकरण में नगर परिषद के पार्षदों से लेकर विभिन्न समितियां भी संदेह के घेरे में है, जिनकी कार्यप्रणाली दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया में पारदर्शी नहीं रही।अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार कई लोगो की साठगांठ से दुकानों को सार्वजनिक तौर पर नीलामी की बजाय इनको हड़पने की कोशिश की गई। कुछ माफिया किस्म के लोग, राजनैतिक रसूख वाले और भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी का गठजोड़ इस मिशन को अंजाम दे कर मिशन पर काम करता आ रहा है।
प्रस्तावित निर्माण स्थल
हमारे विश्वस्त सूत्र बताते हैं की दुर्गावती मार्केट और गांधी चौक में बन रही दुकानों को लेकर मनमाने ढंग से बिना पारदर्शिता, बिना सुस्पष्ट प्रक्रिया का पालन कर दुकानों को आपस में बांटने की साजिश रची गई है और डिंडोरी नगर पंचायत को बड़े आर्थिक नुकसान में डाल कर निजी स्वार्थी की कोशिश हो रही है । सुनियोजित तरीके से षड्यंत्र करके सांठगांठ करते हुए लाखों रुपए के कीमत की दुकानों को ओने पौने दामों पर हड़पने का षड्यंत्र रचा गया है जिससे नगर के बहुत सारे लोग अभी भी बेखबर है। सूत्र बताते हैं करीब 10 वर्ष पूर्व खुली बोली के जरिए दुकानों की नीलामी हुई थी उसी स्थान पर उसी माप की जिन दुकानों का मूल्य 10 से ₹20 लाख तक लगाय गया था अब बंद लिफाफे में प्रस्ताव दिए जाने के माध्यम से उसे 2 से 6 लाख रुपए के बीच में ही अपने नाम करने की कोशिश की जा रही है, और सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। उल्लेखनीय है उक्त स्थानों पर लगभग 50 के करीब दुकाने नगर परिषद द्वारा बनवाई जा रही है, जिनको नीलाम किए जाने की प्रक्रिया लगभग पूर्ण कर ली गई है और अब सिर्फ इसको अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, इन दुकानों की नीलामी की जानकारी बहुत कम लोगों को है जबकि नगर पंचायत का कहना है कि उनके द्वारा दुकानों की नीलामी का विज्ञापन सर्वाधिक लोकप्रिय समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया गया था, और जनवरी माह में इसकी प्रक्रिया और अमनातदारो की सूची तैयार कर ली गई थी आगे की प्रक्रिया कोरोना संक्रमण के चलते पूरी नहीं हो सकी है। इस पूरे मामले पर की गई प्रक्रिया पर नगर परिषद के उप राजस्व निरीक्षक चन्द्र मोहन गर्मे द्वारा भी गोलमोल जानकारी दी जा रही है कुल मिला कर लगभग 50 दुकानों के लिए फिलहाल 57 लोगो के प्रस्ताव आयेगे और उनके द्वारा डाले गए रेट पर दुकानों का आबंटन हो जाएगा। राजस्व विभाग के जिम्मेदार इस बात का तो साफ साफ उत्तर नहीं दे पाए कि एक व्यक्ति द्वारा दर का प्रस्ताव दिए जाने पर दुकान का आबंटन किया जा सकेगा या नहीं। राजस्व समिति के अध्यक्ष सहित बहुत से पार्षद भी अब तक अपनाई गई प्रक्रिया और उन निर्देशों से अनजान है जिनके अनुसार दुकानों की कीमत और दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया अपनाई गई है। नगर में दुकानों की नीलामी की प्रक्रिया को लेकर असंतोष है और अधिकांश लोग इसकी जानकारी न मिलने और गुपचुप तरीके से दुकानें नीलाम किए जाने की बात कह रहे है और नगर परिषद पर दुकानों के बंदरबांट किए जाने का आरोप लगा रहे है।
हमारे द्वारा नगर परिषद की राजस्व समिति, पार्षदों और अधिकारियों से इस पूरी प्रक्रिया पर जानकारी लेने की कोशिश की किंतु पूरी तरह से संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाने और खुली बोली न लगवाए जाने के पीछे का सच उजागर नहीं हो सका है और कई सवालों को लेकर नगर परिषद के जिम्मेदार भी अनभिज्ञ है ऐसे में अब तक अपनाई गई प्रक्रिया और उसमे शामिल लोगों, समिति और जनप्रतिनिधियों, नीति निर्देश की जानकारी नगर पंचायत से विधिवत प्रयास किए जा रहे है। कुछ जानकारियां हमें प्राप्त हुई है उसे भी हम जल्दी ही सार्वजनिक करेगे।
अधिकांश पार्षद दुकान नीलामी की प्रक्रिया से है अनजान
नगर परिषद भले ही पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बता रही हो और इसकी सूचना सार्वजानिक किए जाने की बात कर रही हो किन्तु सच इससे बहुत अलग है। आज हमारे द्वारा नगर पंचायत के सभी पार्षदों से चर्चा की जिसमे से अधिकांश पार्षदों ने इससे अनजान होने और लिए गए निर्णय की जानकारी न होने की बात कही, और अधिकांश पार्षद इस प्रक्रिया को पुनः करवाने के पक्ष में है वहीं प्रतिपक्ष के पार्षद कहते है कि पीआई सी के निर्णय से परिषद को अवगत नहीं करवाया गया है और यह पूरी प्रक्रिया गलत तरीके से की गई है जिसका विरोध किया जाएगा और दुकान नीलामी को पुनः नए सिरे से करवाया जाएगा।
इस संदर्भ में आज हमारे प्रतिनिधि ने लगभग सभी पार्षदों से विस्तार से चर्चा की ओर दुकानों की नीलामी की जानकारी ली गई, अधिकांश लोग इस पूरे मामले से अनजान है, कुछ पार्षदों से चर्चा नहीं हो सकी है कल उनसे बात करने के बाद इसका खुलासा करेंगे कि कैसे नगर परिषद के पार्षदों को अंधेरे में रख कर कीमती दुकानों की नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई।