
अंग्रेजी शराब की मनमानी कीमतें वसूल रहा ठेकेदार,रेट सूची नदारत
(गणेश शर्मा गाड़ासरई )
जनपथ टुडे, डिंडोरी जिले की गाड़ासरई को शासकीय अंग्रेजी शराब दुकान जो कि विगत दिनो से अनिल जायसवाल के ठेकेदार द्वारा संचालित की जा रही है।सूत्रों का कहना है कि गाड़ासरई, समनापुर, करंजिया, शहपुरा आदि शराब दुकाने जो इस वर्ष दोबारा नीलामी के बाद खोली गई है, इनमे न रेट सूची लगी है इस लाइसेंसी ठेकेदार का नाम और सम्पूर्ण जानकारी विधिवत अंकित की गई है। दुकानों पर अंकित जानकारी गलत है। और इन शासकीय शराब दुकान के कर्मचारी अपने ढंग से मनमाने तरीके से दुगने दामो में शराब बेंचते है लोगों का कहना है कि किसी को किसी कीमत पर तो किसी सी कुछ और कीमत वसूली जा रही है जिसके चलते रोज इन दुकानों में विवाद होता रहता है और शराब दुकान के कर्मचारियों द्वारा लोगो से बदतमीजी की जा रही है।
कुछ दिन पहले समनापुर से भी ऐसे दुकानदारों के द्वारा ग्राहकों से विवाद करने की वीडियो वायरल हुआ था। इससे पहले कुछ दिन इन सारे जिले के दुकानों को आबकारी विभाग चला रही थी।इसके बाद भी आबकारी विभाग के द्वारा कोई रेट लिस्ट नही लगाई गई थी और अब उसी रवैये में ठेकेदार दुकानों को संचालित कर रहा है। कुछ लोगों का कहना है शराब बहुत महंगे दामो में बेची जा रही है और रेट के संबंध में यदि दुकान के कर्मचारियों से बात की जाती है तो वो लोग विवाद करने में उतारू हो जाते है।
इनका कहना है।
हमको गाड़ासरई शराब दुकान से बहुत महंगी शराब मिलती है और हम लोग इस दुकान के दामो से संतुष्ट नही है, पहले से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही है।
गोलू राज, निवासी गाड़ासरई
गाड़ासरई अंग्रेजी शराब दुकान में रेट लिस्ट नहीं लगाई गई है और शराब की रेट बहुत हाई फाई दामो में बिक रही है, कीमत को लेकर दुकानवाले लोगो से विवाद करते है। आबकारी विभाग को इस पर अंकुश लगाना चाहिए।
बिट्टू साहू गाड़ासरई
डिंडोरी में बेची जा रही है अवैध शराब
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय में शासकीय शराब दुकान नहीं है और यहां बड़ी मात्रा में अग्रेजी शराब की बिक्री हो रही है, ये शराब भी जिले की अन्य दुकानों से ही आती है अब तक जो अवैध शराब पकड़ी गई है उसके बैच नम्बर का मिलान इन दुकानों को वेयर हाउस से दी गई शराब के बैच नम्बर से की जानी चाहिए। अवैध शराब तो अक्सर पकड़ी जाती है पर ये शराब अवैध रूप से कहा से खरीद कर लाई गई थी इसका खुलासा कभी नहीं किया जाता जो पुलिस की तस्दीक पर सवाल खड़े करता है।