गरीब हितग्राही की केसीसी की रकम हड़प गए दलाल

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मामले की शिकायत कोतवाली की गई

जिले के बैंकों में सक्रिय है दलाल

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 8 अगस्त 2020, विगत 6 अगस्त को करनपुरा निवासी भंवरसिंह ने डिंडोरी कोतवाली में धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला दर्ज करवाया है जो जिले के भोले भाले कम पढ़े लिखे लोगों के साथ बैंकों की मिलीभगत से किए जा रहे शोषण की खुली कहानी का खुलासा है और जिले भर में इस तरह के सैकड़ों मामले हैं जिनमें बैंकों में सक्रिय दलालों ने भोले-भाले आदिवासियों को करोड़ों रुपयों का कर्जदार बनवा दिया और दलाल पूरी राशि बैंक से सांठगांठ कर हड़प गए हैं।

किंतु प्रशासन द्वारा ऐसे मामलों में अब तक गंभीरता से कोई कठोर कार्यवाही शोषण करने वाले वालों के खिलाफ नहीं होने से ऐसे दलालों की संख्या दिनों दिन जिले में बढ़ती जा रही है और रोज बैंकों के माध्यम से कोई न कोई मामला अंजाम दिया जा रहा है जिसे संज्ञान में लिया जाना आवश्यक है।

 

भंवर सिंह पुत्र गंगा सिंह धुर्वे ने कोतवाली में दी गई लिखित शिकायत में बताया है कि मैं करणपुरा का निवासी हूं मेरा खाता यूनियन बैंक की डिंडोरी शाखा में है। यूनियन बैंक द्वारा रतन पिता गंगा धुर्वे के नाम से केसीसी ऋण प्रकरण स्वीकृत किया गया था किंतु रतन सिंह की मृत्यु हो जाने पर यह प्रकरण भगवतीया बाई के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया। भगवतीया बाई के बैंक खाते की पासबुक में दो लाख पचास हजार की राशि की एंट्री है लेकिन भंवर सिंह के अनुसार उन्हें केसीसी प्रकरण स्वीकृत करवाने वाले बैंक के दलाल राजेश शर्मा और धन्नू दास ने केवल 20000 रू. ही दिए है। इस मामले में जब मेरे द्वारा जानकारी चाही गई तो बैंक मैनेजर द्वारा गोलमोल बात की गई और मुझे बैंक से भगा दिया।

इस पूरे प्रकरण में जिस महिला के नाम से के सी सी प्रकरण करवाया गया है उसकी उम्र लगभग 80 वर्ष है और उसका पुत्र इस बात को लेकर परेशान है कि मात्र ₹20000 उन्हें मिले हैं और ढाई लाख रुपए का कर्ज उनके माथे पर आ गया है। बैंक पूरे मामले पर कोई भी जानकारी और समस्या का समाधान करने तैयार नहीं है। इस प्रकरण में हमारे प्रतिनिधि ने भी यूनियन बैंक के शाखा प्रबंधक से मामला समझने का प्रयास किया जिस पर उन्होंने कहा कि पुलिस जांच करेगी तब साफ साफ हो जाएगा। कुल मिलाकर बैंक के अधिकारी पूरे प्रकरण पर कुछ नहीं बोलना चाह रहै है, किंतु बैंकों में दलालों की सक्रियता और हितग्राहियों का हो रहा शोषण जिले में खुलेआम देखा जा रहा है और बैंक के सहयोग के बिना किसी के खाते से किसी और का पैसा आहरण किया जाना संभव नहीं है।

इस मामले में केसीसी की स्वीकृत राशि और भूमि की स्थितियों पर सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले में दलालों की भूमिका संदिग्ध है। जिसको लेकर हमने शिकायत में नामदज राजेश शर्मा नाम के व्यक्ति से भी संपर्क करने की कोशिश की परन्तु उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किए जाने से उनका पक्ष स्पष्ट नहीं हो सका।

जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को इस मामले में दर्ज शिकायत की सूक्ष्मता से जांच की जाती है तो बहुत सी गड़बड़ियां और जिले की वित्तीय संस्थाओं में सक्रिय दलालों की भूमिका और जिले के गरीब, अशिक्षित और आदिवासियों के साथ चल रहे शोषण के खेल का पर्दा फास जो सकता है।

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