खनिज विभाग के द्वारा जप्त रेत को चुरा ले गए माफिया
खनिज विभाग और पंचायत एक दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदारी
जिले में रेत तमाफियाओं के हौसले बुलंद
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 13 अगस्त 2020, जिले में रेत माफियाओं के हौसले बहुत अधिक बढ़ चुके है उनके ऊपर खनिज विभाग नियंत्रण नहीं कर पा रहा है, जिससे शासन की संपत्ति और राजस्व दोनों को ही भारी क्षति हो रही है।किन्तु इस पर खनिज अमला कोई कारगर कदम उठाने में अब तक अक्षम ही साबित हुआ है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खनिज विभाग द्वारा विगत दिनों बजाग अन्तर्गत कोडिया में अवैध खनन कर जमा रेत जप्त की गई थी जिसकी मात्रा लगभग 38 ट्रॉली बताई जाती है। यह रेत नर्मदा नदी से अवैध उत्खनन कर जमा की गई थी। खनिज विभाग ने उसे जप्त कर ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिया गया था और अज्ञात लोगो के खिलाफ केस बनाया गया था।
पंचायत और खनिज विभाग एक दूसरे पर डाल रहे है जिम्मेदारी
उक्त मामले में सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार खनिज विभाग द्वारा जप्त की गई और पंचायत की सुपुर्दगी में रखी गई उक्त रेत गायब हो चुकी है। जिस पर पंचायत के सरपंच का कहना है कि सूचना देने पर भी मौके पर खनिज अधिकारी नहीं पहुंचे और प्रभारी खनिज निरीक्षक ने कहा कि जप्त माल की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है जप्त रेत उसकी सुपुर्दगी में थी। मामले की जांच की जावेगी यदि रेत गायब है तो पंचायत के खिलाफ मामला दर्ज किया जावेगा।
वर्षों से चल रहा है दिखावटी जप्ती का खेल
जिले में खनिज विभाग द्वारा अवैध रेत, क्रेशर पर पत्थर और सड़क ठेकेदारों से अवैध मुरम और डंफर मशीन आदि की कई बार जप्ती बनाई गई और हमेशा ही जप्तशुदा सामग्री किसी न किसी की सुपुर्दगी में दी जाती रही है और फिर उसके बाद विभाग ने उन जप्तशुदा सामग्री का क्या किया इसका कुछ पता नहीं है। ये एक बड़ी जांच का विषय है।
सूत्र बताते है कि गांव में उक्त जप्त की गई रेत जिन माफियाओं ने इकट्ठा की थी वहीं उठा ले गए है, अब आगे खनिज विभाग क्या कार्यवाही करता है यह आने वाले समय में ही पता चलेगा फिलहाल तो जप्त रेत गायब हो चुकी है।
इस मामले पर यदि पंचायत और खनिज विभाग चाहे तो प्रकरण पुलिस में दर्ज कराकर आसानी से खुलासा किया जा सकता है की उक्त रेत का अवैध उत्खनन किसने किया था और बाद में इसको कौन चुरा कर ले गया? कौड़ियां जैसे छोटे से गांव में रेत माफियाओं और चोरी करने वालो का पता लगाना पुलिस के लिए मुश्किल काम नहीं है। किन्तु आगे खनिज विभाग किस तरह की कार्यवाही करता है यह देखना होगा।