पीडीएस का चावल इंसानों के खाने लायक नहीं है मंडला बालाघाट का मामला
डिंडोरी जिले से भी लिए गए हैं जांच के लिए सैंपल
केंद्रीय लैब की जांच रिपोर्ट से सनसनीखेज खुलासा
जनपथ टुडे, 2 सितम्बर 2020, मंडला एवं बालाघाट के वेयरहाउस में रखे व सार्वजनिक वितरण प्रणाली के चावल की जांच में पाया गया है कि वह इंसानों के खाने के लायक नहीं है। वह केवल बकरी, भेड़ों को खिलाने के काबिल है। ऐसा उल्लेख करते हुए जांच कर रिपोर्ट जब कृषि भवन नई दिल्ली ने केंद्र सरकार को सौंपी तब केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के सभी केंद्रों में चावल बाटने पर रोक लगाई है। यह पत्र केंद्रीय मंत्रालय ने मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा है।
30 जुलाई से 2 अगस्त तक की जांच
केंद्र मंत्रालय के उपायुक्त की टीम ने मंडला व बालाघाट जिले के वेयरहाउस और पीडीएस की दुकानों से 30 जुलाई से 2 अगस्त के बीच 32 नमूने लिए थे इनकी जांच कृषि भवन नई दिल्ली स्थित सेंट्रल खाद्यान्न ने परीक्षण लैबोरेट्री में की जांच रिपोर्ट के अनुसार सभी नमूनों में चावल इतने खराब निकले कि वह इंसानों के खाने लायक नहीं थे वह जानवरों के खाने की श्रेणी के हैं।
डिंडोरी जिले से भी लिए गए है सैंपल
नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबन्धक से मिली जानकारी के अनुसार 29 अगस्त से जिले में भी शासन के निर्देशानुसार पीडीएस में चावल का वितरण रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में वितरित होने वाले चावल के भी सेंपल जांच हेतु गए है अभी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
जन स्वास्थ्य हानि की जांच कर कार्यवाही करें
उपभोक्ता मंच के डॉक्टर पीजी नाथ पांडे, रोचक भार्गव, डीआर लखेरा तथा राममिलन शर्मा ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है कि वैसे भी करोना महामारी से गरीब नागरिक परेशान है और ऊपर से खराब खाद्यान्न के वितरण के कारण जन स्वास्थ्य की भारी हानि हो सकती है। उपभोक्ता मंच ने प्रदेश के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर मांग की है कि मंडला व बालाघाट के दोषी अधिकारियों को निलंबित करें तथा समूचे प्रदेश में खराब खाद्यान्न के वितरण से हुई जन स्वास्थ्य की हानि की उच्च स्तरीय जांच करें। जांच रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर प्राप्त कर उसे कार्यवाही नहीं की गई तो उपभोक्ता मंच न्यायालय की शरण लेगा।