झोलाछाप डाक्टर की जमानत खारिज, जेल भेजा गया
जनपद टुडे, जबलपुर, 12 सितम्बर 2020, आवेदक अजय कुरील जिला चिकित्सालय विक्टोरिया अस्पताल मीडिया शाखा ने थाना ओमती जबलपुर द्वारा लिखित आवेदन पत्र में जांच रिपोर्ट के आरोपी डॉ अजय श्रीवास्तव संचालक मां नर्मदा क्लीनिक 1008/01 शाही नाका पंडा की मडिया गढ़ा जबलपुर के विरुद्ध अपराध धारा 420 भादवि नेशनल मेडिकल कमिशन एक्ट 2019 की धारा- 34, चिकित्सा शिक्षा संस्था (नियंत्रण) अधिनियम 1973 धारा 7(ग) धारा 8(2), मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 21 सहपठित धारा 24(iv), मध्यप्रदेश उपच उपचर्यागृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा-3 सहपठित धारा 8 (क) एक तथा दो सहित (v) का प्रथम दृष्टया अपराध पाए जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। अजय श्रीवास्तव के विरुद्ध धोखाधड़ी एवं चिकित्सा नियमों के विरुद्ध जाकर मरीजों को विधि विरुद्ध चिकित्सीय परामर्श देकर गुमराह करने एवं अवैध लाभ अर्जित करने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।अजय कुरील जिला मीडिया अधिकारी विक्टोरिया अस्पताल ने बताया कि चिकित्सीय ज्ञान व उपचार के पर्याप्त साधन न होने पर भी इलाज करने पर रोग ठीक होने की जगह उनके बढ़ने व दवाओं के साइड इफेक्ट होने की स्थिति निर्मित होती है और कई बार मरीजों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके जीवन के जीवन का भविष्य के साथ खिलवाड़ हो जाता है इसलिए शासन के आदेश द्वारा गठित 3 सदस्य समिति द्वारा ऐसे अनाधिकृत इलाज करने वाले ऐसे चिकित्सक जिन्हें एलोपैथी पद्धति से चिकित्सा व्यवसाय करने में वैधानिक डिग्री डिप्लोमा तथा आवश्यक सभी पंजीयन ना होने पर भी एलोपैथिक दवाइयां मरीज को परामर्श करने का अधिकार नहीं है एवं चिकित्सक अनाधिकृत रूप से परामर्श कर चिकित्सा व्यवसाय कर रहे हैं उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जा रही है।
कमेटी ने अजय श्रीवास्तव के संबंध में पाया कि मां नर्मदा क्लीनिक शाही नाका के पास गढ़ा जबलपुर उसके पास एमबीबीएस, एमडी डॉक्टर की दवा का अवैध इस्तेमाल करता है वह एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है किंतु एलोपैथिक डॉक्टर बनकर मरीजों की जांच करता है। डॉक्टर अखिलेश पटेल एमबीबीएस एमडी के प्रिसक्रिप्शन पैड का इस्तेमाल कर उनके रूप में मरीजों को अपने हाथ से एलोपैथिक दवा लिखता है, जिसमें उसके क्लीनिक में स्वास्थ्य संबंधी बड़ी-बड़ी बीमारियों इलाज और जांच की सुविधाओं का ब्यौरा दिया गया है। जांच में पाया गया कि डॉ अजय श्रीवास्तव द्वारा प्रतिबंधित दवाएं Norfioxacin, Tinidazole, Rabeprazole मरीजों को लिखी गई है जो की पूर्णता प्रतिबंधित है साथ ही एक फर्जी फार्मासिस्ट डॉ अजय श्रीवास्तव के क्लीनिक से लगे हुए मां नर्मदा मेडिकल स्टोर पर बैठकर दवा बेचता है उसका संचालक प्रीतम यादव है और वही फार्मासिस्ट है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर की ओर से आरोपी डॉक्टर के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है एवं आरोपी डॉक्टर को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय श्रीमान् विजय पाण्डे न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी जिला जबलपुर में पेश किया गया। अभियुक्त ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री शेख वसीम के मार्गदर्शन में अभियोजन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सारिका यादव द्वारा शासन की ओर से विरोध प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखते हुए जमानत का विरोध किया गया। सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सारिका यादव ने तर्क देते हुए बताया कि यदि आरोपी को जमानत का लाभ दिया जाता है, तो समाज में न्याय के विरूद्ध विपरीत संदेश पहॅुचेगा। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा व्यक्त किए गए तर्कों से सहमत होते हुए व अपराध की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए आरोपी की जमानत निरस्त कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया।
डिंडोरी जिले में झोलाछाप डाक्टरों पर शिकंजा नहीं कस पा रहा प्रशासन
गौरतलब है कि डिंडोरी जिले में भी फर्जी और झोलाछाप डाक्टरों के विरूद्ध प्रशासन द्वारा कार्यवाही हेतु निर्देश तो जारी किए गए है किन्तु अब तक जिले में जो भी कार्यवाहियां हुई उनमें फर्जी डाक्टरों को थाने तक भी नहीं पहुंचाया गया जबकि उनके द्वारा किए जा रहे अपराध के चलते उन्हें होना सींखचों के पीछे चाहिए।