भोपाल, महिला बाल विकास घोटाले में 89 कर्मचारी और कई अधिकारी शामिल – CAG

Listen to this article

जनपद टुडे, भोपाल, 24 सितंबर 2020, भोपाल और रायसेन जिले में महिला बाल विकास अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा एक बड़ा घोटाला किया गया जो नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग की नजर में आया है।

कैग ने लगभग 89 कर्मचारियों और कई अधिकारियों की सूची बना ली है। सीएजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के मानदेय के नाम पर 89 बैंक खातों में मनमानी राशि जमा कराई है, जो तीन करोड़ से ज्यादा का मानदेय के रूप में घोटाला किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 2015 से लेकर 2018 तक ₹6000 मानदेय दिया जाता था उनके खाते में लाखों रुपए मानदेय के रूप में डाले गए ऐसा केग की रिपोर्ट में बताया गया है।
सितम्बर 2016 से अगस्त 2018 तक भोपाल के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने 44 बैंक खातों में 39.61 लाख रुपए कपटपूर्ण तरीके से जमा किए, इसमें से 23 खातों में परियोजना अधिकारियों ने भी पैसा जमा कराया है।

भोपाल में बच्चों को दिए जाने वाले फ्लेवर्ड दूध का भुगतान 4 लाख 73 हजार रूपए जिस तारीख और बिल नंबर से किया उसी तारीख और नंबर से 14 लाख एक हजार रुपए का भी भुगतान हुआ। डीपीओ का कहना है फर्जी हस्ताक्षर से किसी ने ऐसा किया होगा, इसकी वसूली करके शासन के खाते में जमा करा दी गई है। किसने किया उसका नहीं पता तब वसूली की गई बड़ा सवाल है?

कर्मचारियों के बच्चों के खातों और कार्यकर्ताओं के खाते में लाखों रुपए पाए गए

महिला बाल विकास में कार्यरत कर्मचारीयो के बच्चों से लेकर डाटा एंट्री और कंप्यूटर ऑपरेटरों के खाते में भी राशि भेजी जाकर घोटाला किया गया इन सब में अभी तक भोपाल के जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारी की जांच की जा रही है। बहुत से बैंक खातेदारों की पहचान नहीं हो पाई है।

मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में गड़बड़ियों का पता चला है जिनमें विदिशा, मुरैना, राजपुर, झाबुआ भी संदेह की दृष्टि में आ रहे है इन जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी और परियोजना अधिकारियों के दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि मानदेय की 65 लाख 72 हजार की राशि गलत तरीके से आहरण की गई है। जिन खातों में कार्यकर्ता व सहायिकाओं की राशि जमा हुई है वह या तो किसी फर्म के है और ज्यादातर उसमें कर्मचारियों के भी परिजनों के खाते हैं।

गौरतलब है कि महिला बाल विकास में इस तरह की गड़बड़ियां आम है। इस जानकारी के बाद जिले में भी की गई गड़बड़ियों की चर्चा तेज हो गई है वहीं जिले की तरफ भी विभाग के उच्च अधिकारियों की नज़र है, आने वाले समय में प्रदेश के अन्य को जिले कैग की जांच हेतु नजर में है उसमे डिंडोरी जिले का भी नाम होने की चर्चा है वहीं इसके बाद सभी जिलों में विभाग के अमले में हड़कंप मचा हुआ है और कहीं अमला रिकार्ड की जांच कर रहा है तो कहीं लीपापोती के भी प्रयास जारी है।

Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000