राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मध्य प्रदेश के चार चांद
ओम प्रकाश धुर्वे का बढ़ता राजनैतिक कद
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 27 सितम्बर 2020, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कल राष्ट्रीय कार्यकारणी की घोषणा की जिसमे दो पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 12 राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और 23 प्रवक्ता बनाए गए है।
मध्यप्रदेश के चार चांद
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में मध्यप्रदेश के चार नेताओं को पार्टी ने पदा सी न किया है जिसमें इंदौर क्षेत्र से कैलाश विजयवर्गीय, को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है। मंदसौर क्षेत्र के सुधीर गुप्ता, ( सांसद) को सह कोषाध्यक्ष। चंबल क्षेत्र से आने वाले लाल सिंह आर्य को अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष बनाया गया है। डिंडोरी जिले के तेज तरार्क युवा आदिवासी नेता ओम प्रकाश धुर्वे को भी टीम जेपी नड्डा में शामिल करते हुए उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है, जो एक अहम जिम्मेदारी है।
ओम प्रकाश धुर्वे का राजनैतिक सफर :- 1984 से 2020 तक
छात्र राजनीति से उभरे ओमप्रकाश धुर्वे को 1984 में जबलपुर में अध्ययन के दौरान अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत की और पहली बार 1989 में धुर्वे ने बीजेपी की टिकट पर बजाग विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। धुर्वे अब तक चार बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। वे जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं। धुर्वे उमा भारतीय, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रह चुके है में रह चुके हैं।
डिंडोरी जिले के करंजिया विकास के छोटे से गांव रूसा से अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत करने वाले श्री धुर्वे अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय जनजाति मोर्चा के सचिव पद पर भी रह चुके हैं, बतौर राजनीतिक संकट उनके सामने हमेशा चुनौतियां रही है। जिस दौर में उन्होंने भाजपा का झंडा उठा कर आदिवासी बहुल डिंडोरी अंचल में राजनीति में आगे बढ़ने का सपना पाला था उस दौर में पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं की कमी के साथ साथ आर्थिक संकट का भी दौर था फिर भी वे अपनी छवि और संघर्ष के बूते सफल होते रहे और दो बार बजाग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते और कांग्रेस की सरकार के खिलाफ क्षेत्र और आदिवासी जनमानस के लिए संघर्ष करते रहे। इस बीच उन्हें भाजपा प्रदेश संगठन में भी अहम जिम्मेदारियां निभाते रहे है और कल उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।
धुर्वे की इस उपलब्धि से भाजपा कार्यकर्ता उत्साहित है और पूरे जिले में हर्ष व्याप्त है। आदिवासी समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया गया है । जमीनी कार्यकर्ताओं की पहली पसंद धुर्वे को उनके अपने संघर्षों को स्वागत योग्य पहचान मिली और कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है ।