के के श्रीवास्तव को मिलिंग महाप्रबंधक पद से हटाया, रा. प्र. सेवा के उमाकांत पांडे को सौंपा गया प्रभार

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जनपथ टुडे, भोपाल, 8 अक्टूबर 2020, बहुचर्चित चावल घोटाले का मामला उजागर होने के बाद सरकार ने बुधवार को कार्यवाही करते हुए केके श्रीवास्तव को मिलिंग महाप्रबंधक के पद से हटा दिया है उनकी जगह राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर उमाकांत पांडे को जीएम मिलिग का प्रभार सौंपा गया है। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने प्रदेश में 80 हजार टन अमानक स्तर के पाए गए चावल के मामले में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग व खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों को तलब किया है।

अफसरों ने बताया कि प्रदेश के गोदामों में करीब 4.40 लाख कुंटल चावल ऐसा है जो इंसानों के उपयोग में लाने के लायक नहीं है इस के निष्पादन किए जाने के मामले में मार्गदर्शन मांगा गया था। यह भी बताया था कि गोदामों में 4.60 लाख क्विंटल अमानक स्तर के चावल को मिलर्स को वापस कर अपग्रेड करने के लिए दिया जा रहा है। इस चावल की कीमत 275 करोड़ रुपए के लगभग है। इस पर मुख्य सचिव ने कहा इतनी बड़ी मात्रा में खराब चावल गोदामों में कैसे आया इसकी जांच क्यों नहीं की गई इसका विभाग के अफसर नहीं दे पाए इस पर सीएम ने नाराजगी व्यक्त की है। अफसर सिर्फ यह बता पाए कि जैसे ही मंडला बालाघाट जिले में इंसानों के उपयोग में न आने वाले चावल का मामला सामने आया था उस दौरान प्रबंधक व गुणवत्ता नियंत्रण को हटा दिया था।

गौरतलब है कि प्रदेश भर में मिलर और अफसरों की साठ गाठ के चलते घटिया चावल गोदामों में भरा जाता है और गरीबों को बाट दिया जाता है, केंद्र की जांच से खुलासा होने के बाद प्रदेश भर में चल रहे इस काले कारोबार का खुलासा जरूर हो गया है पर स्थितियां अब भी वैसी ही बनी हुई है।

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