मेडिकल डीन ने थमाया नोटिस, सांसद विवेक तंखा समर्थन में उतरे

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हाथरस में बनी भाभी, संजली केस में मौसी बनी थी, विवादों के घेरे में आई महिला डॉक्टर से जल्द होगी पूछताछ

जनपथ टुडे, जबलपुर,जबलपुर मेडिकल कॉलेज की लेक्चरर राजकुमारी बंसल हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ रहने के बाद अचानक सुर्खियों में आ गई है। जिसके बाद राजकुमारी बंसल को लेकर लगातार कई विवाद सामने आ रहे हैं इस मामले में जहां राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा महिला डॉक्टर राजकुमारी बंसल के समर्थन में उतर आए हैं वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत उमराव पटेल ने ट्वीट कर डाक्टर बंसल पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट पर लिखा है कि राजकुमारी बंसल बाल्मीकि, नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज जबलपुर में 10% से भी कम उपस्थित रहती हैं। दो लाख रुपए सेलरी, मुफ्त आवास व अन्य भत्ते इन्हे मिलते है। डीन से लेकर प्रिंसिपल तक सब इनसे डरते हैं, एससी, एस टी एएक्ट में फंसाने की धमकी देती हैं। वही प्रशांत ने संजलि हत्याकांड में मौसी बनकर जाने की बात भी कही है। बता दे की आगरा के लालऊ गांव की संजली को 18 दिसंबर को स्कूल से घर लौटते समय रास्ते में जिंदा जला दिया गया था। जब यह साइकिल से आ रही थी तो उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई थी। इस घटना ने देश को दहला दिया था। उस मामले में राजकुमारी बंसल जो हाथरस पीड़िता की भाभी बन कर पहुंची थी वह संजली कांड में भी आगरा में पीड़ित की मौसी बन कर पहुंची थी। हाथरस में कथित दुष्कर्म मामलों में जबलपुर मेडिकल कॉलेज की डाक्टर बंसल के जाने का मुद्दा गरमाने लगा कि मेडिकल प्रबंधन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। इस मामले की जांच में यह बात सामने आई थी कि 16 सितंबर से लेकर 22 सितंबर तक डाक्टर बंसल हाथरस में पीड़ित परिवार के साथ रही थी, बाद में यूपी पुलिस द्वारा इनकी गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए इनकी खोज की जा रही थी तभी इनकी पहचान जबलपुर एक डाक्टर के रूप में हुई है और यूपी पुलिस द्वारा बनाई गई एस आई टी उक्त डाक्टर के तार नक्सलियों से जुड़े होने की बात कह रही है। अब एक और कांड में उक्त महिला के आगरा में पीड़ित की मौसी बन कर जाने का खुलासा उमराव पटेल द्वारा किए जाने के बाद अब उक्त डाक्टर की गतिविधियों पर और भी सवाल उठने लगे है। जहां मेडिकल प्रबंधन ने उन्हें मामला गरमाने के बाद नोटिस जारी किया है वहीं इनके जबलपुर में होने की जानकारी मिलने के बाद यूपी पुलिस की टीम भी इनसे पूछताछ के लिए एमपी पुलिस के संपर्क में है और बताया जाता की विवादों में आई डाक्टर से जल्दी पूछताछ हो सकती है।

डिंडोरी से भी राजकुमारी बंसल का रहा है नाता

गौरतलब है कि उक्त डाक्टर को डिंडोरी में भी वर्ष 2014 में पदस्थ किया गया था किन्तु वे यहां कार्यरत नहीं रही उसके बाद संचालनालय स्वास्थ सेवा द्वारा इनके विरूद्ध कुछ कार्यवाही की गई थी जिसकी पूरी जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।

 

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