अधूरे शौचालय का मुख्यमंत्री से ऑनलाइन करवाया गया लोकार्पण

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अपनी गलती मानने नहीं है कोई तैयार

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 15 अक्टूबर 2020, विगत 11 अक्टूबर को समनापुर जनपद पंचायत अन्तर्गत स्वच्छता परिसर का लोकार्पण कार्यक्रम संपन्न हुआ, ऑनलाइन लोकार्पण प्रदेश के मुखिया द्वारा किया गया। जिसे लेकर चर्चा है कि ऊपरी रंगाई पुताई करा कर पंचायत द्वारा इस भवन का लोकार्पण मुख्यमंत्री से करवाया गया जबकि भवन का निर्माण कार्य ही पूर्ण नहीं किया गया था। यू तो इस बात से कोई फर्क जिले के अधिकारियों को नहीं पड़ता किन्तु जाहिर तौर पर यह प्रदेश के मुखिया और सरकार की आंखों में धूल झोंकने का प्रयास है । किसी भी शासकीय भवन का लोकार्पण उसे पूर्ण होने के बाद ही किया जाता है किन्तु जिले में चल रही मनमर्जी, आमजन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की अपेक्षा करने वाले शासकीय अमले की यह एक और उपलब्धि है कि अब वे सरकार और मुख्यमंत्री तक को ग़लत जानकारी देकर अपनी मनमर्जी पर पूरी तरह से उतारू है।

अधूरे शौचालय को लेकर न केवल क्षेत्र में आमलोगों में चर्चाएं व्याप्त है बल्कि इस संबंध में खबर भी सार्वजनिक होने पर भी पंचायत, जनपद के अधिकारी किसी को कोई फर्क नहीं है और अब इस बात को नकारने और मामले पर लीपा पोती के प्रयास तेज कर दिए गए है।

मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल भवन की पूरी जानकारी जिला प्रशासन को होनी चाहिए थी किन्तु उक्त भवन को कार्यक्रम के पूर्व देखने शायद जनपद के अधिकारियों ने भी जरूरी नहीं समझा और वर्चुअल उद्घाटन का कार्यक्रम करा दिया, जिसकी जानकारी मीडिया को लगी तो वह मौके पर जाकर स्वच्छता परिसर का हाल जाना और समझा गया तो देखा कि स्वच्छता परिसर का कार्य अपूर्ण है, भीतर टायल्स का काम अधूरा है और शौचालय फिलहाल उपयोग के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है।

सीईओ, उपयत्री और पंचायत सचिव का रवैया गैर जिम्मेदाराना

भले ही प्रशासन इस विषय को गंभीरता से न ले और लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही हो किन्तु जिले भर में मामले की चर्चा आम हो रही है। इस विषय पर जब हमने सीईओ समनापुर से जानकारी चाही तो उनका कहना था कि मैंने आज ही प्रभार लिया है। सब इंजीनियर भाजीपाले कहते है कि मेरा काम निर्माण करवाना है लोकार्पण करवाना नहीं। ये बेतुका जवाब देने वाले उपयंत्री अपनी जवाबदेही से बचना चाहते है शासकीय भवनों के लोकार्पण के लिए न तो प्रदेश में कोई अलग से विभाग है और न ही लोकार्पण करवाने का जिम्मा निर्माण एजेंसी के अलावा किसी और का होता है। वहीं पंचायत सचिव अपनी गलती मानने की बजाय कहते है आपको जो समझ आए वो समझो। एक तो गलती ऊपर से बेतुके और गैर जिम्मेदाराना जवाब जिम्मेदार लोगों के साफ जाहिर है कि इनको संरक्षण प्राप्त है और आमजन हो या प्रदेश के मुखिया

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