परिजनों ने मिलकर की थी बालिका की हत्या सात आरोपी गिरफ्तार

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नीरज श्रीवास्तव :-

मुड़िया खुर्द हत्याकांड का खुलासा

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 18 अक्टूबर 2020, पुलिस के लिए अनसुलझी गुत्थी और चुनौती साबित हो रहे मुड़ियाखुर्द हत्याकांड का खुलासा आखिरकार रविवार को हो गया। पिछले 23 दिनों से पुलिस को गुमराह कर रहे आरोपी गिरफ्त में आ चुके हैं जिनकी निशानदेही और कबूलनामें के आधार पर पुलिस ने इस “फैमिली ड्रामा” से पर्दा उठा अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में सफलता पाई है। हालांकि इस दौरान पुलिस को “राजनैतिक ड्रामें” का भी सामना करना पड़ा, बावजूद इसके पुलिस ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया और बालिका की हत्या के आरोप में उसी के भाई, मां, चाचा, चचेरे भाई, जीजा सहित दो अन्य दीगर आरोपियों को हिरासत में लिया है।

गौरतलब है कि शाहपुर थाना अंतर्गत मुडियाखुर्द गांव में गत 26 सितम्बर की सुबह जौहरी ठाकुर उम्र 19 वर्ष की लाश घर की बाड़ी के नजदीक बरामद की गई थी। बतलाया गया था कि मृतिका देर रात से गायब थी, जिसकी लाश सुबह मिलने पर पुलिस को सूचना दी गई। जांच के दौरान पुलिस ने जौहरी की हत्या गला दबाकर किए जाने की पुष्टि कर अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध हत्या का मामला कायम कर पतासाजी शुरू की थी। इस बीच स्थानीय पुलिस किसी नतीजे पर ना पहुंचने के चलते पुलिस कप्तान संजय सिंह ने ” स्पेशल इन्वेस्टिगेशन” टीम का गठन कर हत्याकांड के खुलासे के आदेश दिए थे। वारदात की गुत्थी सुलझाने के दौरान एसआईटी की रडार पर मृतिका के परिजन आ गए और कड़ाई से पूछताछ पर स्पष्ट हो गया कि जौहरी की हत्या परिजनों के हाथों ही हुई थी।

आरोपियों के मुताबिक मृतका जौहरी की हरकतों से परिजन नाराज थे और 25 सितंबर की रात जौहरी और परिजनों में जमकर कहासुनी भी हुई थी इस दौरान जौहरी के भाई जवाहर के कहने पर दांडी भानपुर निवासी जीजा नारायण उर्फ मल्लू अपने दो साथियों के साथ गांव पहुंचा, जहां मृतका की मां सावित्री चाचा गोवर्धन चचेरे भाई के साथ मिलकर जौहरी के गले में दुपट्टे से मरोड़ कर मौत के घाट उतार दिया और रात को ही वे लोग वापस भाग गए। पुलिस ने मां सावित्री बाई, भाई जवाहर, चचेरा भाई चन्द्र सिंह, चाचा गोवर्धन ठाकुर, जीजा नारायण के साथ दीपक यादव और केशव निवासी दांडी भानपुर थाना मवई, जिला मंडला के विरूद्ध धारा 302 201 और 34 के तहत अपराध कायम कर गिरफ्तार किया गया है।

 

राजनीतिक दखलंदाजी के चलते खुलासे में हुई देरी

हत्याकांड जैसी गंभीर वारदात में राजनीतिक दखलंदाजी के परिणाम स्वरुप आरोपियों की पहचान और खुलासे की समस्या का पुलिस को सामना करना पड़ा। मामले की गंभीरता को बगैर सोचे समझे सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में कांग्रेस पदाधिकारियों की अब किरकिरी हो रही है। गौरतलब है कि मुड़िया खुर्द हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस की रडार पर आए परिजनों का साथ देने की कोशिश के बीच कांग्रेस पदाधिकारी 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन जिला मुख्यालय स्थित गांधी चौक पर धरना पर बैठे थे। इस दौरान कांग्रेसी पदाधिकारियों ने पुलिस की पूछताछ तथा कड़ाई का विरोध कर जांच को बेबुनियाद करार दिया था और जांचकर्ता पुलिस अधिकारी को बर्खास्त किए जाने की मांग की भी चर्चा रही है। बावजूद इसके पुलिस दबाव में नहीं आई और इस धरने पर बैठे परिजनों को बेनकाब कर इनका गुनाह सामने ला दिया।

हत्या में शामिल सात आरोपी

(भाई) जवाहर ठाकुर पिता टेक सिंह ठाकुर, उम्र 25 वर्ष

(मां) सावित्री बाई ठाकुर पति तेज सिंह, उम्र 48 वर्ष

(चचेरा भाई) चंद्र सिंह ठाकुर पिता गोवर्धन उम्र 28 वर्ष

(चाचा) गोवर्धन ठाकुर पिता मनसा उम्र 48 वर्ष सभीनिवासी मुड़ियाखुर्द थाना शाहपुर जिला डिंडोरी

(जीजा) नारायण उर्फ मुल्लू ठाकुर उम्र 40 वर्ष निवासी दांडी भानपुर, थाना मवई, जिला मंडला

जीजा के साथी दीपक यादव उम्र 23 वर्ष और केशव यादव उम्र 25 वर्ष निवासी दांडी भानपुर थाना मवई, जिला मंडला

 

 

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