धर्मांतरण करने वालों को नहीं दिया जाए आरक्षण का लाभ
जनजाति सुरक्षा मंच ने सौंपा ज्ञापन
जनपद टुडे डिंडौरी 29 अक्टूबर 2020 धर्मांतरण करने के बावजूद आरक्षण का लाभ लेने वाले आरक्षित वर्ग के लोगों के विरुद्ध जनजाति सुरक्षा मंच ने मोर्चा खोल दिया है। गुरुवार को मंच ने धर्मांतरण कर चुके जनजाति के व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति सूची से हटाने की मांग संबंधी ज्ञापन भी राष्ट्रपति के नाम प्रशासन को सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से जनजाति सुरक्षा मंच ने अनुसूचित जाति और जनजाति संसोधन आदेश 1967 की कंडिका का उल्लेख कर बतलाया कि कोई भी व्यक्ति जिसने जनजाति, आदिमत तथा विश्वासों का परित्याग कर दिया हो और इसाई अथवा इस्लाम धर्म ग्रहण कर लिया है ऐसे व्यक्ति को आरक्षित वर्ग का सदस्य नहीं समझा जाएगा। इसके साथ ही एक अन्य कंडिका का हवाला देकर बताया कि अनुसूचित जाति का वह व्यक्ति भी आरक्षण के लाभ से वंचित रहेगा जो सिख अथवा हिंदू धर्म का त्याग कर अन्य धर्म का अनुसरण करता है। ज्ञापन में मंच ने भारतीय अधिनियम 1935 को परिभाषित कर बताया कि अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति जब ईसाई धर्म में धर्मान्तरित होता है, तो स्वाभाविक रूप से इस व्यक्ति ईसाई की श्रेणी में आएगा। लिहाजा इन को आरक्षण की सुविधा देना संवैधानिक माना जाएगा। जनजाति सुरक्षा मंच ने वास्तविक जनजातियों के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध हाल में ही लोकसभा सदस्य द्वारा उठाए गए कदम की सराहना करते हुए धर्मान्तरित कर चुके व्यक्ति को आरक्षण की श्रेणी से हटाने एवं आरक्षण का लाभ नही देने की अपील की है। इस दौरान जय सिंह मरावी,महेश धुमकेती, भानु प्रताप कोहली, उत्तम सिंह धुर्वे, प्रहलाद सिंह धुर्वे, राम कुमार वनवासी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।