करंजिया की पंचायतों में निर्माण कार्यों का भी हो औचक निरीक्षण
चर्चा में है उपयंत्रीयों के कारनामे
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 29 नवंबर 2020, विगत दिवस जिला पंचायत सीईओ अरुण कुमार विश्वकर्मा ने जनपद पंचायत करंजिया में मनरेगा के कार्यों की समीक्षा बैठक ली जिसमें लगभग एक दर्जन ग्राम पंचायतों और चार उपयंत्रियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। करंजिया जनपद पंचायत में वर्षों से डटे उपयंत्रीयों की कार्यप्रणाली और पंचायतों में चल रहे घटिया निर्माण कार्य को लेकर क्षेत्रीय जनता में व्यापक असंतोष है। लोगों का आरोप है कि ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्यों को उपयंत्री देखने तक नहीं आते और भारी कमीशनखोरी के चलते पंचायतों के निर्माण कार्यों के टी.एस. से लेकर मूल्यांकन और सत्यापन उपयंत्रीयों द्वारा घर बैठे कर दिया जाता है। मनरेगा के कार्यों में श्रमिकों के नियोजन के संबंध में बताया जाता है कि कई ग्राम पंचायतों में कार्यों को मशीनों और ट्रैक्टरों से करवा कर सरपंच सचिव और रोजगार सहायकों के गठजोड़ के चलते फर्जी मस्टररोलो के नामों पर भुगतान कर दिया जाता है। उपयंत्री निर्माण स्थलों पर झांकने तक नहीं जाते, क्षेत्र की जनता ने इस स्थिति को लेकर असंतोष व्याप्त है। जिसके चलते घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार कि सैकड़ों शिकायतें जनपद से लेकर जिला प्रशासन तक होती रही है फिर भी जनता की आवाज को दबाते हुए
भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, फर्जी बिलों के भुगतान पंचायत और उपयंत्रीयो की सांठगांठ को संरक्षण दिया जाता रहा है। जिसके चलते करंजिया जनपद की पंचायतों में भ्रष्टाचार चरम पर है। फर्जी सप्लायरों के फर्जी बिलों और फर्जी मस्ट्रोलो के बूते शासकीय राशि हड़पी जाती रही है और इसमें नियंत्रण के लिए तैनात उपयंत्री भी घर बैठे ही काम कर रहे हैं।
आमजन की अपेक्षा है कि सीईओ जिला पंचायत, इस उपयंत्रीयों के प्रभार पर वाली ग्राम पंचायतों में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच औचक निरीक्षण कर करे जिससे जनपद में व्याप्त भ्रष्टाचार और घटिया कार्यों का खुलासा हो सके। करंजिया जनपद पंचायत के तथा कथित उपयंत्री यो के कई कारनामे चर्चा में है कुछ पर तो कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के साथ ही साथ खुद ठेके पर काम करवाने और अपनी फर्म के बिलों पर भुगतान ग्राम पंचायतों से करवाने की भी चर्चा है अधिकतर पंचायतों में निर्माण कार्य निर्धारित मापदंडों के आधार पर नहीं हो रहे है निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और घटिया सामग्री का उपयोग आम चर्चा का विषय बना हुआ है जिस पर नियंत्रण हेतु जरूरी हैं कि सीईओ जिला पंचायत इन कार्यों का औचक निरीक्षण कर कार्यवाही को अंजाम देवे।