” किसान सम्मेलन ” के प्रसारण के निर्देशों का नहीं किया ग्राम पंचायतों ने पालन
- ग्राम पंचायतों ने प्रशासन के निर्देशों की उड़ाई धज्जिया
- रायसेन में “किसान सम्मेलन ” में प्रधानमंत्री – मुख्यमंत्री का संबोधन वर्चुअली दिखाये जाने दिए गए थे निर्देश
- जिले की अधिकांश पंचायतों ने नहीं माना प्रशासन का निर्देश
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 19 दिसंबर 2020, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल रायसेन में आयोजित किसान महासम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया, कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित थे उन्होंने भी कार्यक्रम में प्रदेश के किसानों को संबोधित किया। इस वर्चुअल रैली में प्रदेश के 50 लाख से अधिक किसानों को संबोधित किए जाने का सरकारी अनुमान था और इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों के प्रशासन को इस आयोजन को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने हेतु निर्देशित किया गया था। प्रदेश की 22 हजार 810 ग्राम पंचायतों, 52 जिला मुख्यालयों, 313 विकासखंड मुख्यालयों, 237 कृषि मंडियो और 50 कृषि विज्ञान केंद्र पर किसान सम्मेलन का लाइव प्रसारण दिखाए जाने की व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया था।
जिला प्रशासन के निर्देशों का नहीं हुआ पालन
इसी क्रम में “मुख्यमंत्री कृषक सम्मेलन” का राज्य स्तरीय कार्यक्रम 18 दिसंबर 2020 को विदिशा जिले में दोपहर 12ः00 से 3ः00 तक आयोजित कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन के डी.डी.एम.पी. चेनल में किया गया। कलेक्टर श्री बी. कार्तिकेयन के जिले के सभी ग्राम पंचायत कार्यालयों में मुख्यमंत्री कृषक सम्मेलन का कार्यक्रम टी.व्ही. पर दिखने के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। जिससे ग्राम पंचायतों में उपस्थित लोग उक्त कार्यक्रम को सुविधा पूर्वक देख सकें। आयोजित कार्यक्रम के लिए विकासखंड मुख्यालय में 500 कृषकों एवं ग्राम पंचायत मुख्यालय में 200 कृषकों को राज्य स्तरीय कार्यक्रम के सीधे प्रसारण से जुड़ने हेतु आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने और प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए थे। सभी ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री कृषक सम्मेलन देखने के लिए आवश्यक व्यवस्था के दिए गए थे किन्तु जिला प्रशासन के निर्देश का असर जिले कि पंचायतों में न के बराबर दिखाई दिया। प्रशासन ने निर्देश तो जारी किए किन्तु उसके पालन हेतु जिला पंचायत और जनपद पंचायतों द्वारा कोई खास रुचि नहीं दिखाई न तो ग्राम पंचायतों में टीवी की व्यवस्था की है न ही कार्यक्रम का किसी भी तरह का प्रचार प्रसार किया गया।
जिला मुख्यालय की करीबी पंचायतों में ही नहीं हुआ निर्देश का पालन
जिला मुख्यालय के आसपास की ग्राम पंचायतों का हमारी टीम ने भ्रमण कर प्रदेश शासन और जिला प्रशासन के निर्देशों के पालन की हकीकत जानने की कोशिश की तो वहां भी इस तरह के आयोजन नहीं दिखाई दिए, ग्राम पंचायत औरई, लुकामपुर, दांड विदयपुर, कुंडा, आदि ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम का आयोजन तो दूर सरपंच सचिव के दर्शन तक नहीं हो सके तब अन्य जनपद पंचायतों की ग्राम पंचायतों में प्रशासन के निर्देशों का पालन की स्थिति क्या रही होगी ये समझा जा सकता है। इसी तरह बजाग जनपद की शोभापुर, करोंदा, सनपुरी, केवलारी गन्नगुडा में भी आयोजन नहीं होनी की जानकारी ग्रामीणों से मिली। कल हुए इस आयोजन को लेकर हमारे प्रतिनिधि ने बहुत सी पंचायतों के सरपंच सचिव से चर्चा की और कार्यक्रम की फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराने का जिसपर अधिकांश टालमटोली करते दिखाई दिए।
कहां गए पंचायतों के टीवी सेट?
जिले की अधिकांश ग्राम पंचायतों के टीवी सेट और अन्य सामग्री को की जनता के उपयोग हेतु इन संस्थाओं द्वारा शासकीय राशि से खरीदी गई थी वे गायब हो चुकी है या फिर सरपंच सचिव के घरों में उपयोग हो रही है जो कि जांच का विषय है और ऐसी पंचायतों के विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए।
निर्देशों का पालन न करने वालों पर क्या कार्यवाही होगी
जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों को हवा में उड़ाने वाले, जिम्मेदार जनपद और ग्राम पंचायतों पर क्या कार्यवाही होगी यह तो जिला प्रशासन की आगामी कार्यवाही पर निर्भर है। अब तक तो प्रशासन के निर्देशों को गंभीरता से न लेने वाले बचते रहे है और प्रशासन कोई भी कार्यवाही करने में सक्षम है नजर आया है फिर वह चाहे पटवारियों के मुख्यालयों पर उपस्थिति का मामला रहा हो या फिर पंचायत के सरपंच सचिव की सोमवार और मंगलवार को पंचायत मुख्यालय में मौजूदगी का मामला रहा हो। जब पंचायतें प्रशासन के निर्देशों को ही गंभीरता से नहीं ले रही है तब शासन के नियमों, निर्देशों और नीतियों का कितना पालन जिले में हो रहा होगा यह जाना और समझा जा सकता है।