अमरकंटक के तपस्वी संत हिमालय के कयाकल्पि संत श्री 1011 बर्फानी दादाजी महाराज हुए ब्रह्मलीन

Listen to this article

जनपद टुडे, अमरकंटक, 24 दिसंबर 2020, प्राप्त जानकारी के अनुसार अमरकंटक की तपोभूमि में लंबे समय तक रहने वाले के तपस्वी संत श्री 1011 बर्फानी दादाजी महाराज ने बुधवार की रात्रि करीब 9:45 बजे अहमदाबाद में अपने शरीर का त्याग कर दिया। संत समाज के निर्णय अनुसार श्री बर्फानी दादाजी महाराज के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार संत समाज की परंपरा अनुसार मेहंदीपुर बालाजी में गुरुवार को दोपहर 2:00 बजे किया गया।

जानकर बर्फानी बाबा की उम्र 100 वर्ष के करीब बताते है, बर्फानी बाबा का आश्रम अमरकंटक में नर्मदा मंदिर के पीछे स्थित है जो यहां का पहला बड़ा आश्रम बताया जाता है। लोगों के अनुसार बाबा अमरकंटक से विगत 50 – 60 वर्षों से जुड़े रहे और पहले वे बहुत सालों तक अमरकंटक में ही रहे और उनके भक्त देश विदेश से उनके पास आया करते थे, उनके भक्तों की बड़ी संख्या थी, कुछ वर्ष पूर्व से बाबा जी ने अमरकंटक आना बंद कर दिया था कुछ वर्ष पूर्व वे 1991 – 92 में अपने भक्तों के साथ आए थे और हेलीकाप्टर से उन्हें आश्रम में ही उतारा गया था वे कुछ दिन रुक कर वापस चले गए थे।

बताया जाता है कि बर्फानी दादा बड़े तपस्वी थे उन्हें कायाकल्पी संत भी मानते है। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास बाल योगी बर्फानी बाबा जो कि आश्रम की देखभाल करते हैं जानकारी के अनुसार वह भी अंतिम संस्कार में शामिल होने मेहंदीपुर बालाजी गए हैं।

Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000