जिला मुख्यालय की सड़कों पर बेतरतीब जमावड़ा, परेशान आमजन बिगड़ता यातायात

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 30 दिसंबर 2020, जिला मुख्यालय की सड़कों पर अव्यवस्थित यातायात, मनमानी पार्किंग और छोटे बड़े वाहनों का मनमाना खड़ा होना दुकानदारों का सड़कों तक कब्ज़ा शहर की आधी सड़क को निगलता दिखाई देता है और आमजन आवागमन को लेकर परेशानियों को झेलने मजबूर है। डिंडोरी न तो बहुत बड़ा शहर है और न ही सड़को पर यातायात का भारी दबाव, समस्या अव्यवस्थाओं, मनमानी और कस्बाई मानसिकता से उत्पन्न हो रही है।

दुकानदार जब तक सड़क पर सामान न सजा ले उन्हें बाजार खुला नजर नहीं आता, ग्राहकों का मन तब तक नहीं भरता जब तक बीच सड़क पर अपनी गाड़ियों को खड़ा न करे। मोटर मैकेनिक अपना गैरेज सड़कों पर चलाते दिखाई देते है तो वहीं छोटे माल वाहक बीच सड़क पर ही लोडिंग और अनलोडिंग करने में ही शाबासी समझते है। इन सब समस्याओं और गलती करने वालों को समझाने का मतलब है विवाद करना। हाथ ठेले वाले, सब्जी बेचने वाले सब अपनी मर्जी के मालिक है, लगता तो ऐसा है जैसे शहर में सड़क पर कब्ज़ा करने की खुली प्रतियोगिता जारी है और इनको कोई कुछ बोलने, रोकने वाला है नहीं!

व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी किसकी है, इस अराजकता पर कार्यवाही किसको करना चाहिए ये सवाल भर है जिसका जवाब हर सड़क पर परेशान होता आमजन तलाश रहा है। न सालो से शहर की सड़कों पर कोई व्यवस्था सुधारी जा सकी है न किसी को समझाया जा सका है। यह स्थिति पुरानी डिंडोरी से लेकर सुबखार तक एक सी देखी जा सकती है। उसमे पुरानी डिंडोरी तिराहे के आसपास, भारत माता चौक, बस स्टैंड, नर्मदा पुल पार, पी डब्लू डी मार्ग, कलेक्ट्रेट से जैन पेट्रोल पम्प तक हाल कुछ अधिक बेहाल नज़र आते है और सब्जी मंडी के करीब यातायात के हाल देखने की लायक हुआ करते है।

यातायात पुलिस, प्रशासन से जनापेक्षा है कि सड़कों को यातायात के लिए सुगम बनाया जावे। भविष्य में किसी बड़ी दुघर्टना का इंतजार किए बिना अराजक व्यवस्थाओं के दोषियों पर कठोर कार्यवाही प्रारंभ की जावे और घटिया मानसिकता के लोगों को उनकी हद का अहसास बिना किसी देरी के कराए जाने कठोर कार्यवाही बिना भेदभाव के प्रारंभ की जावे।


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