गांव गांव तक फैलता “1 के 80” का खेल

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 5 जनवरी 2021, कोरोना काल के बाद से लगातार मंदी से बेहाल बाजार और आम आदमी की तमाम समस्याओं के निदान में सरकार जुटी है और तमाम मुफ्त सुविधाओं और साधन के साथ उचित मूल्य की दुकानों और सार्वजनिक वितरण व्यवस्था को मजबूत करने में हलकान है और प्रशासन परेशान है। किन्तु इस विकराल संकट के बाद भी माफिया गरीबों का खून चूसने से बाज नहीं आ रहे है। सूत्र बताते है कि जिले में सट्टा कारोबारी ” 1 का 80″ का खेल जम कर खिला रहे है जिनकी पकड़ में शहर, नगर कस्बों से लेकर गांव गांव तक है जहां से उनके पास सट्टा पर्चियां आती है।

एक ओर जहां पुलिस अधीक्षक जिले में जुर्म और गड़बड़ियों पर पुलिस अमले की तक माफी नहीं कबूल करते वहीं सट्टे के कारोबारी कहीं चकमा दे कर तो कहीं खुलेआम लोगों का एक एक रुपया तक लूट रहे है उन्हें 80 रुपए की वापसी का लालच दे कर। जिला मुख्यालय में ही कई पुराने अड्डों पर कारोबारी सक्रिय है को जमकर सट्टा पट्टी लिख रहे है, इसके अलावा गांवों में भी सट्टा पर्ची लिखने वालों की सक्रियता बताई जाती है।

मुख्यत सट्टे की गिरफ्त में छोटे तबके के निम्न आय वर्ग के रोज कमाने खाने वाले लोग आ रहे है, जिनकी मेहनत और मजदूरी की कमाई का उनका परिवार भरण पोषण के लिए इंतजार करता है वहीं उनकी कमाई पर गिद्ध नजर जमाए सटोरियों के गुर्गे गली कूचों तक डटे है। छोटे छोटे बच्चे तक सट्टे की लत का शिकार हो रहे है गरीबी और आर्थिक अभाव में जीवन यापन करने वाले कम पढ़े लिखे और भोले भाले ग्रामीण सटोरियों का आसान शिकार बन रहे है जिसे रोकने के लिए जिले में सटोरियों के खिलाफ एक बड़ी मुहिम की दरकार है।

प्रदेश शासन जहां माफियाओं के हौसले पस्त करने की मुहिम में जुटी है वहीं सटोरिए गरीबों पर निशाना साधे गांव गांव तक अपना कारोबार फैलाने में पूरी सक्रियता से जुटे है। गरीबी और बेरोज़गारी से बेहाल बहुत से लोग जिले में मोटे कमिशन के चक्कर में पट्टीदार बन कर घूम घूम कर सट्टा पट्टी लिखने दिखाई देते है जो पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती है जिस पर जनहित में कठोरतम कार्यवाही की अपेक्षा है।



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