प्रशासन दे रहा अतिक्रमण को संरक्षण,बेजा कब्जा को लेकर रोजाना हो रहा विवाद
सरकारी नुमाइंदे कर रहे कब्जा और विक्रय
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 6 जनवरी 2021, मुख्यमंत्री की सख्त हिदायत के बावजूद प्रशासन जिला मुख्यायल के वार्ड क्रमांक 3 औराई बायपास तिराहा में स्थित शासकीय भूमि पटवारी हल्का नंबर 68 सुबखार माल के खसरा क्रमांक 195/1/1/1/1 से बेजा कब्जे हटाने में दिलचस्पी नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं प्रशासनिक उदासीनता के चलते अतिक्रमण करने वालों को संरक्षण प्राप्त हो रहा है। जबकि बेजा कब्जे को लेकर यहां रोजाना विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। हालात यह है कि बेजा कब्जा करने वाले एक पक्ष पर दूसरे पक्ष की महिला ने झोपड़ी तोड़ने, गृहस्थी की सामग्री चोरी करने, गाली गलौज एवं धमकी देने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन से लेकर कलेक्टर और SP तक से की है लेकिन नतीजा सिफर रहा है। पीड़ित महिला ने शासकीय भूमि पर कब्जा दिलाने के नाम पर बीस हजार रुपए वसूलने के आरोप भी नगर परिषद के राजस्व अमले में पदस्थ सुरेंद्र तिवारी पर लगाए हैं।
सरकारी नुमाइंदों ने ताने भवन
नगर परिषद डिंडोरी अंतर्गत वार्ड क्रमांक 3 औराई बाईपास चौराहे पर स्थित शासकीय भूमि पर सरकारी नुमाइंदों ने ही भवन निर्मित कर किराए पर दे दिए हैं। पूर्व से ही जमीन जायदाद के स्वामी इन शासकीय करिंदो में पंचायत सचिव, प्राचार्य, व्यापारी एवं नगर पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों के नाम भी शामिल हैं। इनके विरूद्ध कार्रवाई करने में जिम्मेदारी को पसीने छूट रहे हैं।
महिला को दे रहे धमकी
यहां झोपड़ी बनाकर निवासरत मजदूर महिला राधा बाई बर्मन ने जनसुनवाई में शिकायत कर बताया है कि यहां बेजा कब्जा कर रहे सचिव राममिलन धुर्वे और उसके साथी रोजाना विवाद कर धमकी देते हैं, इसके साथ ही राधाबाई बर्मन ने नगर परिषद में कार्यरत सुरेन्द्र तिवारी पर शासकीय जमीन के विक्रय के आरोप लगा कर कार्रवाई की मांग की है। इस पर प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद कार्यवाही न होना समझ से परे है।
बचाव की मुद्रा में जिम्मेदार
जिला मुख्यालय में ही रईसजादो द्वारा शासकीय भूमि पर कब्जे के मामले में जिम्मेदार बचाव की मुद्रा में हैं गरीबों के आशियाने को अतिक्रमण करार देकर जेसीबी से बेदखली वाले राजस्व अमले के साथ नगर परिषद की अतिक्रमण हटाओ कार्यवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं।
2 एकड़ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण
सूत्रों के मुताबिक करोड़ो की कीमत वाली इस शासकीय भूमि के 2 एकड़ से अधिक रकबे पर लोग कब्जा कर क्रय विक्रय कर रहे हैं। जिससे राजस्व को नुकसान हो रहा है।