कांधे पर बीमार लोगों को ले जाने की मजबूरी आज भी

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चरखुटिया के ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को है मोहताज

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 7 जनवरी 2021, जिला मुख्यालय से लगभग 18 किलोमीटर दूर कारोपानी से लगे ग्राम चरखुटिया व संगम टोला के निवासी आज भी मूलभूत सुविधाओं को मोहताज है।

कारोपानी में काले हिरण का अभ्यारण विकसित करने और इस क्षेत्र में काले हिरणों को संरक्षित करने प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर कार्य किए गए है ताकि पर्यटक यहां आ सके। किन्तु इस ग्राम से 2 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम चरखुटिया व संगम टोला आज भी उपेक्षित है और यहां के निवासी मूलभूत सुविधाओं को मोहताज है।

 

पूरी तरह विकास कार्य नहीं होने और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते आज भी यहां लोग संकट भोगने मजबूर है। देश में स्वास्थ सुविधाओं को बहुत ही आधुनिक और आमजन के लिए उपलब्ध बनाया जा चुका है किन्तु इस गांव में सड़क नहीं होने से मरीजों को आज भी परम्परागत तरीकों से संकट भोगने की मजबूरी बनी हुई है।

 

आज के युग में कल ही हमारे प्रतिनिधि ने चरखुटिया गांव में एक बीमार महिला जो कि संगम टोला की निवासी थी उसे उसके परिजनों द्वारा टोकनी में बैठाकर नदी पार करवाने का संकट झेलते हुए देखा। चुकी नर्मदा नहीं पर पुल नहीं है और इस गांव से यदि सड़क मार्ग से किसी मरीज को डिंडोरी उपचार हेतु लाया जावे तो लगभग 50 से 60 किमी की दूरी तय करनी होती है और यातायात के साधनों की कमी के साथ खराब सड़क भी बड़ी समस्या है। इसके निदान के चलते लोग बीमार व्यक्ति को किसी तरह कंधे पर लटका कर लाते और ले जाते है, और फिर चरखुटिया से कारोपानी तक आने में लोगों को कच्ची सड़क होने से भारी परेशानी का सामना करना होता है, समस्या बरसात के दिनों में जाहिर है कि चार गुनी हो जाती है। उपेक्षा का शिकार ग्राम और संकट को झेलते यहां के निवासियों को इस बात का अफसोस है कि आज तक प्रशासन की नजर जिला मुख्यालय के इतने करीबी क्षेत्र पर नहीं पड़ी जबकि सालों साल से परेशान आमजन कई बार अपनी परेशानी सरकारी तंत्र तक पहुंचा चुका है।

कल सुबह जब एक वृद्ध महिला को इलाज हेतु उसके पति और बेटे ने पालना बनाकर कंधों पर ले जाते दिखाई दिए तो यह सवाल जरूर मन में उठता है कि आखिर स्थानीय निकायों को अपने ही आस पास की विकराल समस्या नजर नहीं आती या फिर भ्रष्टाचार के आगे सारी व्यवस्थाएं चौपट हुई पड़ी है सिर्फ जनहित के नाम पर खड़ी ये संस्थाएं आंखे बंद किए मौन बनी बैठी है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि चरखुटिया से लेकर कारोपानी तक प्रधानमंत्री सड़क का निर्माण प्रस्तावित था जो आज तक नहीं हुआ, पूर्व सांसद बसोरी सिंह मसराम से ग्रामीणों ने गुहार लगाई थी तब सड़क के निर्माण की तैयारियां तो दिखाई दी थी थी और फिर यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई और आमजन आज भी इंतजार में है कि कभी भूले भटके कुछ हो जाए यहां तो हम भी सहज आवागमन से जुड़ जाए।

(अविनाश टंडिया की रिपोर्ट)

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