समनापुर महिला व बाल विकास का मामला गरमाया, जांच के दौरान प्रताड़ित हुई सुपरवाइजर पहुंची अस्पताल

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भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रताड़ित करते हुए गंदगी हो तुम और घटिया बोला गया

आरोप लगने के बाद भी अधिकारी पर नहीं हुई है कार्यवाही

जिला कार्यालय में अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के आरोप

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 19 जनवरी 2021, महिला बाल विकास समनापुर में पदस्थ सुपरवाइजर स्वप्निल पुरी का आज अचानक स्वास्थ खराब होने से उन्हें जिला मुख्यालय के कैजुअल्टी में उपचार हेतु भरती करवाया गया।

गौरतलब है कि महिला व बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी, समनापुर पर पिछले दिनों सुपरवाइजरों द्वारा अवैध रूप से शासकीय राशि वापस किए जाने की मांग की जा रही थी। जिसको लेकर मामला खबरों के माध्यम से सार्वजनिक होने व वीडियो वायरल और व्हाट्स एप के मैसेज भी सार्वजानिक हो रहे थे, कल से कुछ एक राजनैतिक पार्टियों द्वारा भी उक्त मामले में जांच की मांग उठाई गई थी।

जिला कार्यालय में अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के आरोप

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार आज इसी मामले की जांच हेतु उक्त सुपरवाइजर जिला कार्यालय पहुंची थी इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती कराया गया। चर्चा है कि जांच के नाम पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उक्त सुपरवाइजर को प्रताड़ित किया गया जिससे घबराहट बढ़ने से उसकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां वे अब भी भर्ती है।

विकास खंड समनापुर की परियोजना अधिकारी के खिलाफ लग रहे आरोपों का वीडियो और मैसेज वाइरल होने के बाद भी यदि उनके खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय सुपरवाइजर पर वरिष्ठ अधिकारी दबाव बना रहे है तब मामला और भी गंभीर हो जाता है। जाहिर तौर पर उक्त मामले को दबाने के प्रयास उच्च स्तर पर किए जा रहे है।



भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर प्रताड़ित करते हुए गंदगी हो तुम और घटिया बोला गया

उक्त सुपरवाइजर ने जानकारी देते हुए हमारे खास प्रतिनिधि को आज के घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि जिला कार्यालय में आज उन्हें बहुचर्चित भ्रष्टाचार के मामले की जांच हेतु बुलाया गया था। जिला कार्यालय में जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजुलता सिंह, समनापुर परियोजना अधिकारी के. नेटी व सहायक संचालक उदयवती तेकाम उपस्थित थीं। उक्त सुपरवाइजर ने बताया कि जांच के नाम पर उन्हें प्रताड़ित करते हुए लगभग डेढ़ घंटे तक दबाव बनाया गया और देख लेने की धमकी दी जाती रही। तुम गंदगी हो, घटिया हो विभाग के खिलाफ काम करने के अंजाम भोगना पड़ेंगे तुमको इस तरह की बातों से घबराहट के बाद मुझे एक अन्य सुपरवाइजर द्वारा अस्पताल लाया गया। उक्त जांच के दौरान प्रताड़ना की शिकार इस महिला कर्मचारी के साथ सोनल सैयाम भी उपस्थित थीं।

आरोप लगने के बाद भी अधिकारी पर नहीं हुई है कार्यवाही

 

गौरतलब है कि उक्त मामले को लेकर पूरे जिले में विभाग के अधिकारियों की करतूतों का खुलासा हो रहा है और अब जांच के नाम पर महिला कर्मचारी को प्रताड़ित किये जाने की जानकारी भी मिल रही है। जबकि दोषी अधिकारी के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है जो कम से कम भ्रष्टाचार और माफियाओं के खिलाफ प्रदेश के मुख्यमंत्री की दहाड़ को तो कमजोर कर रही है। अब आगे देखना है कि जिला प्रशासन और शासन स्तर पर उक्त मामले में न्यायपूर्ण कार्यवाही की दिशा में सख्त कदम उठाए जाएंगे या फिर जिले और प्रदेश में व्याप्त घिनौने भ्रष्टाचार जिसमें बच्चों और महिलाओं के हक पर शासकीय अधिकारी की ही गिद्ध दृष्टि को रोकने कोई निर्णायक कार्यवाही की जावेगी।


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