वन विभाग के विश्राम गृह पर 18 माह से एटीओ का अवैध कब्जा, वन अधिकारियों की मिलीभगत उजागर

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मीडिया के दखल के बाद डीएफओ ने नियमानुसार कार्यवाही की बात कही

जनपथ टुडे, डिंडोरी 22 जनवरी 2021, सामान्य वन मंडल डिंडोरी अंतर्गत जिला मुख्यालय में वन मंडल अधिकारी कार्यालय परिसर में निर्मित वन विश्राम ग्रह पर पिछले 18 माह से अतिरिक्त कोषालय अधिकारी (ATO) द्वारा एक कमरे पर अवैध कब्जा कर निवास किया जाता रहा। पूरे मामले पर वन अधिकारियों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। मामला शुक्रवार को मीडिया के मौके पर पहुंचने पर सामने आया इसके पूर्व वन अमला मामले पर पर्दा डालने की कोशिश भी करता रहा है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला कोषालय में पदस्थ अतिरिक्त कोषालय अधिकारी राजेश कुमार नवंबर 2019 से विश्राम ग्रह में निवासरत है। जबकि नियमानुसार वन विभाग ने ए टी ओ को यहां रहने की न तो कोई अनुमति दी है न ही इनसे किसी तरह के निर्धारित शुल्क लिए जाने की जानकारी मिल रही है।

वन मंडल अधिकारी वी. मधु कुमार के मुताबिक एटीओ राजेश कुमार को नोटिस जारी कर विश्रामगृह से बेदखल के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन नतीजा सिफर रहा। दोनों पक्षों के कथनों में विरोधाभास होने के चलते मामला संदिग्ध नजर आ रहा है। अब सवाल यह है कि पिछले 18 माह से एटीओ सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग कैसे कर रहे थे वही वन अधिकारी इस विषय पर मौन क्यों थे?

गौरतलब है कि शासकीय विश्राम गृह शासकीय दौरे पर आने वाले अतिथियों की व्यवस्थाओं हेतु है। विभाग के अतिरिक्त अन्य लोगों के रहने पर उनसे निर्धारित किराया वसूलने का प्रावधान है साथ ही यह सुविधा पूर्णतः अस्थाई है किसी को लगातार निवास हेतु विश्राम ग्रह का उपयोग नियम विरूद्ध है। विश्राम गृह के आरक्षण के पूर्व इसकी अनुमति वन मण्डल अधिकारी द्वारा दी जाती है। उक्त मामले में यदि बिना अनुमति के ही उक्त अधिकारी यहां विधिवत निवास कर रहे थे तो यह वन विभाग के अमले की कार्यप्रणाली का अजब नमूना ही है। किसी भी स्थिति में अठारह माह के लिए किसी व्यक्ति को निवास हेतु विश्राम गृह नहीं दिया जा सकता है। वन विभाग के अतिरिक्त अन्य विभाग के अधिकारी का यहां निशुल्क निवास करना बड़े अचरज की बात है अब आगे विश्राम गृह प्रभारी पर इसके लिए विभाग क्या कार्यवाही करता है और उक्त अधिकारी से कितनी राशि वसूल की जाती है यह वन विभाग की कार्यवाही पर निर्भर है जिसका खुलासा आने वाले समय में ही पाएगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग द्वारा विश्राम गृह का निर्धारित किराया प्रतिदिन के हिसाब से शासकीय व्यक्तियों से 250/- प्रतिदिन और अशासकीय व्यक्तियों से 500/- प्रतिदिन तय है। बिना अनुमति के विश्राम गृह का कक्ष आवंटन करने के लिए जिम्मेदार कौन है और उस पर क्या कार्यवाही और कितनी वसूली होगी इसकी जानकारी अभी तक वन विभाग के अधिकारी भी नहीं दे पा रहे है।

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