आदिवासी विकास में कर्मचारियों के नियमितीकरण विवाद पर हाईकोर्ट का आदेश

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जनपथ टुडे, जबलपुर, 4 फरवरी 2021, आदिवासी विकास विभाग सतपुड़ा भवन भोपाल में कार्यरत स्थाई कर्मी श्रीमती उषा बाई मोहनलाल एवं रामावतार की नियुक्ति दिनांक 16/10/1990, 03/05/1992 एवं 14/05/92 को क्रमशः दैनिक वेतन भोगी भृत्य के रुप में हुई थी। तत्पश्चात दिनांक 02/01/2018 को स्थाई कर्मी बनाया गया था।

शासन की नीति दिनांक 16/05/2007 एवं 06/09/2008 अनुसार रिक्त एवं स्वीकृत पद के विरुद्ध निरंतर 10 एवं 20 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर नियमितीकरण का लाभ दिया जाना था। तीनों कर्मचारियों के नियमितीकरण पर विचार हेतु समिति का गठन भी किया गया था, विचारोपरांत समिति ने नियमितीकरण की अनुशंसा की थी‌ उसके पश्चात भी कर्मचारियों के मुख्य पद पर नियमितीकरण हेतु कोई विचार नहीं किया गया।

उसके पश्चात कर्मचारियों द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में नियमितीकरण की मांग करते हुए रिट याचिका दायर की गई थी। उनके अधिवक्ता अमित चतुर्वेदी उच्च न्यायालय जबलपुर के अनुसार कोर्ट को जानकारी दी गई कि समिति द्वारा दी गई नियमितीकरण की अनुशंसा को शासन द्वारा विचार में नहीं लिया गया है। हाई कोर्ट ने तीनों कर्मचारियों के नियमितीकरण हेतु शासन की नीति दिनांक 16/05/2007 एवं 06/09/2008 एवं उमा देवी के प्रकरण के प्रकाश में 3 माह के भीतर निर्णय करने के आदेश जारी किए हैं।


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