“सिंधी पंचायत” की हिदायत- मायके वाले नई ब्याही बेटी से फोन पर 5 मिनट से ज्यादा बात न करें

Listen to this article



टूटते रिश्तों को को बचाने की कोशिश

जनपथ टुडे, भोपाल, 12 फरवरी 2021 सिंधी पंचायत ने लड़की के मायके वालों को हिदायत दी है, कि वे शादी के बाद कम से कम 2 साल तक उसके जीवन में दखल न दें। लड़की से बात करनी ही हो तो 5 मिनट में हाल-चाल पूछ कर फोन रख दें।
लड़कियों को समझाइश दी गई है कि वे ससुराल की छोटी मोटी बातों को मायके तक न पहुंचने दें।

यह हिदायत इसलिए दी गई है क्योंकि सिंधी समाज में हर महीने 80 से ज्यादा पति पत्नी के बीच के विवाद पहुंच रहे हैं। इनमें से कई दंपत्ति की शादी हुए 2 साल भी नहीं हुए हैं। पंचायत ने पड़ताल की तो पता चला कि मायके वालों का दखल इस विवाद की जड़ है। यह फैसला लोक स्तर पर गठित 28 सिंधी पंचायतों और सेंट्रल सिंधी पंचायत में पहुंचने वाले प्रकरणों की समीक्षा के बाद किया गया।

पहला मामला: विवाद दूर, नया मेहमान आने वाला है

बैरागढ़ में एक व्यक्ति ने अपने बेटे कि शादी दोस्त की बेटी से की थी। लड़की की मां रोज फोन करती थी, लड़की के पति और सास को फोन पर लंबी बात करना पसंद नहीं था। ससुर ने समझाइश दी लेकिन बहू को यह नागवार गुजरा इस पर विवाद शुरू हो गया मामला पंचायत में पहुंचा।

पंचायत ने समझाइश दी कि लड़की वाले काउंसलर के फोन से बेटी से बात करें दूसरी तरफ ससुर से कहा गया कि वह बहू से सीधे बात करने की बजाय पत्नी के माध्यम से बात करें। नतीजा यह हुआ कि अब गलतफहमियां दूर हो गईं और परिवार में नया मेहमान आने वाला है।

दूसरा मामला पांच बार समझाइस, बच गया रिश्ता

शादी के 2 महीने बाद ही पति पत्नी में झगड़ा बढ़ गया था। कोर्ट में तलाक का केस दायर कर दिया गया। लड़के के पिता ने पंचायत से गुहार लगाई पता चला कि लड़की को उसकी छोटी बहन फोन पर ससुराल में हावी होने की तरकीब बताती थी। पंचायत ने 5 बार काउंसलिंग की लड़की के परिवार वालों को समझाइश दी गई कि कम से कम 6 महीने तक बेटी की जिंदगी में दखल न दें।

सेंट्रल सिंधी पंचायत समिति में 5 सदस्य हैं

पारिवारिक विवाद समेत अन्य मामलों के निपटारे के लिए बनाई गई सेंट्रल सिंधी पंचायत में 5 सदस्य हैं। इनमें सीनियर एडवोकेट, मनोवैज्ञानिक और काउंसलर शामिल हैं। समिति की कोशिश रहती है कि प्रकरण का निराकरण समाज के स्तर पर हो जाए।

सेंट्रल सिंधी पंचायत के अध्यक्ष भगवानदेव इसरानी का कहना है कि पारिवारिक विवाद के मामले हर समाज में बढ़ रहे हैं। हमारे यहां ऐसे मामलों को निपटाने के लिए 28 पंचायतें काम कर रही हैं।

कई बार तो दहेज प्रकरण में फंसाने की धमकी

सेंट्रल सिंधी पंचायत में पहुंचे 95% प्रकरणों में देखने में आया कि मायके वालों के ज्यादा दखल के कारण नई नवेली बहू ससुराल के रहन-सहन में नहीं ढल पाती। लड़के के परिवार की एक ही शिकायत रहती है कि उनकी बहू पूरे समय मायके वाले के साथ फोन पर व्यस्त रहती है। रोकने पर दहेज प्रताड़ना की धमकी मिलती है।



Related Articles

Close
Website Design By Mytesta.com +91 8809 666000