शासकीय अस्पताल में ऑपरेशन के बाद गर्भवती हुई महिला
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी क्लेम दिलाने का दे रहे हैं आश्वासन
जनपथ टुडे, डिंडोरी 25 फरवरी 2021, शासन की योजनाएं और व्यवस्थाओं पर बड़े सवाल खड़े करता हुआ एक मामला कल जिला कलेक्टर के पास पहुंचा। जिसमें धनुआसागर निवासी पहलवति पति केशव राठौर उम्र 26 वर्ष ने आवेदन देकर क्षतिपूर्ति दिलवाए जाने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार धनुआसागर निवासी इस 26 वर्षीय महिला के दो बच्चे थे शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विक्रमपुर में इसके द्वारा L.T.T. नसबंदी ऑपरेशन 10 दिसंबर 2018 को करवाया गया इसके उपरांत पहलवती गत वर्ष पुनः गर्भवती हो गई और वह 3 बच्चों की मां है। एलटीटी ऑपरेशन के बाद अब उक्त महिला का तीसरा बच्चा लगभग 2 माह का है।
इस दंपत्ति ने अपनी समस्या को लेकर जिला कलेक्टर को आवेदन देकर क्षतिपूर्ति की मांग की है। पीड़ित दंपत्ति ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें क्षतिपूर्ति का क्लेम दिलाने का आश्वासन किया दिया है।
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गौरतलब है कि शासन की कई योजनाओं का लाभ उस परिवार को मिल पाता है, जिनके दो बच्चे हैं। इस स्थिति में सवाल यह भी उठता है कि क्या उक्त दंपत्ति को उन योजनाओं का भविष्य में लाभ मिल सकेगा या फिर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के आश्वासन के अनुसार आर्थिक क्षतिपूर्ति ही इस परिवार को मिल पाएगी। एलटीटी ऑपरेशन असफल होने के लिए जवाबदेही जवाब दे लोगों के विरुद्ध भी क्या कोई कार्यवाही की जावेगी।
इनका कहना है :-
” मामला जनसुनवाई में आया था जिसकी जांच करवाई जा रही है पड़ताल के बाद इसमें जिसको भी जिम्मेदार पाया जावेगा उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।”
डॉ. बी. एस. भलावी,
जानकारों का कहना है कि यदि उक्त परिवार ने एलटीटी करवाए जाने के उपरांत ग्रीन कार्ड बनवाया होगा तब तो उसे उसके लाभ मिल पाएंगे। आज की स्थिति में उक्त परिवार को ग्रीन कार्ड जारी नहीं किया जा सकता। इसी तरह दूसरी महत्वपूर्ण बात ये भी बताई जा रही है कि यदि नस बंदी ऑपरेशन असफल होने के बाद महिला के गर्भ धारण करने के तीन माह के भीतर उसके द्वारा स्वास्थ विभाग को इस संबंध में लिखित जानकारी दी होगी तब उक्त परिवार क्षतिपूर्ति प्राप्त कर सकेगा। बताया जाता है कि अधिकतम 90 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने की पात्रता पीड़ित दंपति को होगी।