सिंचाई परियोजना घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई

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CM ने ईओडब्ल्यू से जांच के निर्देश दिए

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 2 मार्च 2021, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल संसाधन विभाग की सिंचाई परियोजना में प्रावधान भुगतान शेड्यूल का शिथिलीकरण कर ड्यू डेट के लगभग 3 वर्ष पूर्व भुगतान किए जाने के मामले की जांच ईओडब्ल्यू से कराए जाने के निर्देश दिए हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने शासन के ठेकेदारों को निर्धारित तारीख से 3 साल पहले पेमेंट कर दिया था।

अपर मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग ने बताया की विभाग द्वारा अगस्त 2018 से फरवरी 2019 के मध्य सात सिंचाई परियोजनाओं की टर्न के आधार पर बांध एवं प्रेशराइज्ड पाइप नहर प्रणाली के निर्माण के लिए 3,333 करोड़ रुपए की लागत की 7 निविदाए स्वीकृत की गई थी। टर्न के आधार पर स्वीकृत निविदाओं के स्कोप आफ वर्क में मुख्य रूप से बांध का निर्माण कर जलाशय से जल उद्वहन कर रूपांकित सिंचाई क्षेत्र में पंप हाउस, कंट्रोल पैनल सहित प्रेशराइज्ड पाइप लाइन बिछाकर निश्चित दाब पर सिंचाई के लिए जल प्रदाय किया जाना है।

मुख्य अभियंता गंगा कछार रीवा द्वारा शासन के संज्ञान में यह तत्व लाया गया कि गौड़ वृहद परियोजना के लिए शासन के आदेश क्रमांक MPG/ 04/ 2019-20 दिनांक 27 मई 2019 के द्वारा पेमेंट शेड्यूल में उल्लेखित शर्त को शिथिल कर दिया गया है। जबकि जांच में पाया गया है ऐसा कोई आदेश शासन स्तर से जारी नहीं किया गया है। इसकी पुष्टि के लिए प्रमुख अभियंता व मुख्य अभियंता से संबंधित नस्ती व आदेश की प्रति प्राप्त की गई। इनके अवलोकन में पाया गया कि शासन का अनुमोदन प्राप्त किए बिना ही शर्त को विलोपित करने संबंधित आदेश प्रमुख अभियंता ने अपने स्तर से सभी मुख्य अभियंता को जारी किया था।

प्रकरण में मुख्य सचिव द्वारा भी इस संबंध में अभिमत चाहा गया। जल संसाधन विभाग के तत्कालीन प्रमुख अभियंता द्वारा निविदा प्रपत्रों के पेमेंट शेड्यूल में उल्लेखित शर्त को विलोपित करने संबंधित आदेश अपने स्तर से 17 मई 2019 को जारी किया गया जो अधिकारिता विहीन है। संबंधित परियोजना के मुख्य अभियंता सहित अन्य मैदानी अधिकारियों ने भी बांध कार्य प्रारंभ किए बिना नहरों एवं पाइप कार्य हेतु सामग्रियों का भुगतान करने की कार्यवाही की है जो अनियमितता की श्रेणी में आता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त मामले की जांच हेतु मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू से करवाने के निर्देश जारी किए हैं।



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