बिना निर्माण के हुआ करोड़ों का भुगतान
मध्य प्रदेश का उद्यानिकी विभाग एक ऐसा सरकारी महकमा बन चुका है जिसमें हर स्तर पर घपला – घोटाला किया जाता है। अब तो सरकार भी इस बात को स्वीकार कर चुकी है, कि विभाग में संचालनालय स्तर के अफसरों ने मिलकर ठेकेदारों से मिलीभगत कर उन्हें बगैर निर्माण कार्य के ही करोड़ों रुपए का भुगतान कर दिया।
जनपथ टुडे, भोपाल, डेस्क रिपोर्ट, 5 मार्च 2021, इसमें मुख्यालय से लेकर जिला स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई है। जांच में यह सभी दोषी भी पाए गए हैं। इनमें आयुक्त सह संचालक उद्यानिकी भी शामिल हैं इसके चलते ही छह प्रभारी सहायक संचालक उद्यान निलंबित किए जा चुके हैं। यह जानकारी उद्यानकी राज्य मंत्री भरत सिंह कुशवाहा ने विधानसभा में विधायक सज्जन सिंह वर्मा के विधानसभा के जरिए पूछे गए सवाल के उत्तर में दी है।
दरअसल वर्मा ने पूछा था कि वर्ष 2018 से 20 की अवधि में कोल्ड स्टोरेज के लिए अनुदान देने में करीब 70 से 80 करोड़ रुपए की आर्थिक अनियमितता विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई है। इसमें बिना निर्माण के ही करोड़ों रुपए की सब्सिडी जारी कर दी गई। जबकि मौके पर काम नहीं हुआ है। इतना ही नहीं इसके लिए पूर्व संचालकों ने निर्धारित दिशानिर्देशों को बदलकर विभाग के अधिकारियों ने भुगतान आदेश जारी किए हैं। उन्होंने प्रश्न में पूछा कि इस मामले में किस अधिकारी के विरुद्ध क्या कार्यवाही की गई है। इसके जवाब में विभागीय मंत्री कुशवाहा ने बताया कि एकीकृत बागवानी विकास मिशन के दिशा निर्देशों का पालन न करने की जानकारी मिलने के बाद कराई गई जांच में गड़बड़ी मिली है। जांच में तत्कालीन आयुक्त सह संचालक उद्यानिकी एम कालीदुरई को दोषी पाया गया है।
पन्ना के प्रभारी सहायक संचालक की 16 शिकायतें विधायक राकेश मावली ने पन्ना के प्रभारी सहायक संचालक उद्यान महेश प्रताप बुंदेला के वित्तीय एवं भ्रष्टाचार से संबंधित जांच और कार्यवाही के लिए 3 माह में लिखे गए पत्रों के बारे में जानकारी मांगते हुए पूछा है कि उनके खिलाफ बीते 5 वर्ष में क्षेत्रीय दलों व अन्य जनप्रतिनिधियों से कितनी शिकायतें विभाग प्रशासन को मिली है। उत्तर में विभागीय मंत्री ने जांच में अनियमितता की बात मानते हुए कहा है कि आयुक्त संचालक उद्यानिकी के 1 फरवरी 21 के पत्र द्वारा शिकायतों की जांच के लिए कलेक्टर को लिखा गया उनके खिलाफ उस अवधि में 16 शिकायतें मिली है।