शिक्षाकर्मी व गुरुजियों को नियुक्ति दिनांक से क्रमोन्नति : हाई कोर्ट का आदेश
जनपथ टुडे, भोपाल, 17 मार्च 2021, मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षक संवर्ग को 1994 -95 से डाइंग कैडर (मृत सवर्ग) घोषित किया गया इनके स्थान पर स्थानीय निकायों के माध्यम से शिक्षा कर्मी व शिक्षा गारंटी योजना के तहत गुरुजी की नियुक्ति 1995 से प्रारंभ की है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट इंदौर बेंच ने ऐसे सभी कर्मचारियों को जिनकी नियुक्ति शिक्षाकर्मी व गुरुजी के तौर पर हुई थी। नियुक्ति दिनांक से गणना करके क्रमोन्नति का लाभ देने का आदेश दिया है।
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि उक्त नियुक्ति दिनांक से नियमित सेवा मानकर गणना अनुसार क्रमोन्नति की मांग को लेकर राजगढ़ जिले के दिलीप भटनागर, सुमेर सिंह गुर्जर, बद्रीलाल मीणा, देवेंद्र साहू, लक्ष्मी नारायण यादव सहित लगभग चार दर्जन शिक्षकों ने माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में याचिका क्रमांक डब्ल्यूपी – 2246/ 2001 दायर की थी।
माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में अधिवक्ता एसआर पोरवाल की सफल पैरवी व तर्कों से सहमत होकर विद्वान न्यायाधीश माननीय विवेक रूसिया ने आदेश पारित कर प्रथम नियुक्ति दिनांक से नियमित सेवा मानकर 12 वर्ष सेवा काल पर प्रथम क्रमोन्नति के लिए पात्र मानते हुए फैसले की दिनांक 22 फरवरी से 90 दिवस में पालन करने का आदेश राजगढ़ के जिलाधिकारी को दिया है।
कर्मचारी नेताओं ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि उक्त फैसला प्रदेश में मील का पत्थर साबित होगा। इससे 1995- 96 से व इसके पश्चात नियुक्त शिक्षाकर्मी 1998 से निरंतर सेवा में व गुरुजी को पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने पर संविदा शिक्षक शिक्षा कर्मी अध्यापक मान्य किया गया था। ऐसे सभी साथी इस फैसले के प्रभाव से 1995 वाले 12 वर्ष सेवाकाल पर 2007 में प्रथम क्रमोन्नति व 2019 में 24 वर्ष सेवाकाल पूर्ण होने पर द्वितीय क्रमोन्नति के पात्र हो रहे हैं जिससे सभी शिक्षकों ने हर्ष व्याप्त है।