नर्मदा नदी में धड़ल्ले से हो रहा अवैध उत्खनन

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डिन्डोरी – जनपथ टुडे, 10.02.2020 

सरकार से बड़े हो गए माफिया??

डिंडौरी – करंजिया ब्लॉक के विभिन्न नर्मदा तटों पर नर्मदा नदी से रेत निकालने का काम एनजीटी की रोक के बाद भी धड़ल्ले से किया जा रहा हैं सरकार तमाम दावे करे कि नर्मदा से रेत का अवैध उत्खनन बंद हो गया है, लेकिन विभाग के ही अफसर और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते ये बंद नहीं हो पा रहा। नर्मदा से अवैध उत्खनन करवाने में विभाग के कर्मचारी ही माफिया के गुप्तचरों की भूमिका अदा कर रहे हैं। प्रदेश में सरकार भले ही बदल गई हो, लेकिन खनिज विभाग का रवैया अब भी नहीं बदला है और यह नर्मदा से अवैध रेत उत्खनन का कारोबार जारी है। नर्मदा खदानों और स्टॉक से प्रतिदिन करंजिया क्षेत्र से बाहर जाते हुए डंपर एवं ट्रॉलियां सहजता से देखी जा सकती हैं। यह डंपर ट्रालियां क्षमता से भी अधिक भरी हुई होती है जिनसे हादसों का भी डर बना रहता है। इन डंपरों से बड़ी मात्रा में पानी गिरता रहता है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नर्मदा के बीच से निकाली गई रेत से इन डंपरों को भरा जा रहा है। अवैध रूप से उत्खनन और परिवहन का खेल कहीं न कहीं माफिया के गुप्तचरों के बलबूते चल रहा है, जो कि खनिज विभाग में ही कर्मचारियों की भूमिका में बैठे हुए हैं।

अफसरों की कार्रवाई से पहले इन माफियाओं को कार्रवाई की भनक लग जाती है। जिसके चलते यह माफिया अफसरों के आने से पहले गायब हो जातें हैं फिलहाल मुसामुंडी, सिवनी संगम, नवाटोला, लालखाती तेलीटोला,रुसा,बंजरटोला के नर्मदा तटों पर अवैध रूप से उत्खनन चल रहा है।

रोज दर्जनों ट्रैक्टर ट्रॉलियों से किया जा रहा है परिवहन -खनन माफिया के द्वारा नर्मदा से अवैध उत्खनन बंद नहीं किया जा रहा। इन माफियाओं ने नर्मदा किनारे बड़ी मात्रा में स्टाक करने रेत के पहाड़ बना दिए हैं। बावजूद इसके ये रेत के टीले कभी कम नहीं होतें जानकारों ने बताया हैं कि माफिया वर्ग ने नर्मदा नदी से रेत निकालने के लिए बकायदा मजदूरों की भर्ती कर रखी हैं मजदूरों के दल में महिला एवं कम उम्र के लोगों का समावेश हैं ये पैसे कमाने की लालच में आकर जान जोखिम में डाल बीच धार से रेत निकालते हैं।

रेत माफियाओं के हौंसले बुलंद

क्षेत्र के नर्मदा तटों पर खनन माफिया किस कदर प्रशासन पर भारी हैं अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, सीएम के कड़े निर्देशों के बावजूद भी जिले में रेत का अवैध खनन और परिवहन जारी है। वहीं माफिया सरकारी मशीनरी में व्याप्त गड़बड़ियों का फायदा उठा रहे हैं। नर्मदा नदी के विभिन्न घाट पर माफियाओं के मजदूर न केवल मां नर्मदा के सीने को छलनी कर रहें हैं बल्कि सरकार के उन दावों और वादों की भी पोल खोल रहै हैं, करंजिया विखं के नर्मदा घाट की ये तस्वीर बता रहीं है कि रेत माफिया अब सरकार से भी बड़े हैं और उनको कोई भी नियम नहीं रोक सकता है। ऐसा नहीं है कि रेत के इस अवैध उत्खनन के बारे में अधिकारियों को नहीं मालूम, लेकिन कार्रवाई का ना होना समझ के परे हैं अभी तक माफिया दमन दल की दस्तक एवं कार्रवाई का ना होना भी सवाल के दायरे में आ रहा हैं । वही ग्रामीणों का कहना हैं कि क्षेत्र के रेत माफियाओं की नामजद शिकायत अनेकों बार की गई हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा शिकायत को नजरंदाज कर दी जाती है।

सड़के हो रही क्षतिग्रस्त

ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि लालखाती, रूसा, बंजरटोला तथा तेलीटोला मार्ग पर दिनरात रेत से भरे डंपर,709, ट्रैक्टर ट्राली, हाइवा सहित छोटे बड़े ओवरलोड वाहन रेत का परिवहन करते हैं जिनके चलने से गांव को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना से बनी पक्की सड़क समय पूर्व खस्ताहाल हो चुकी हैं जगह जगह बड़े बड़े गड्डे ऊभर आएं हैं डामर के अंदर से गिट्टी बाहर आ गई हैं जहां से आवागमन करना मुश्किल हो रहा हैं।

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