जिलामुख्यालय में करोड़ों रुपए की शासकीय भूमि पर रसूखदारों का अवैध कब्जा

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बिरसा मुंडा नगर ITI के पास खसरा नंबर 360/1/2 के अवैध कब्जे पर कब होगी कार्यवाही??

जनपद टुडे, डिंडोरी, 5 अप्रैल 2021, मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार एक ओर जहां शासकीय जमीनों पर हुए अवैध कब्जों को हटाने के लिए भू माफियाओं व अतिक्रमणकारियों पर नकेल कसते हुए लगातार कार्यवाही कर रही है। प्रदेश का अमला पूरी मुस्तैदी के साथ सरकार की मंशा को पूरी करने और शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए जी जान से जुटा हुआ है।

इसी क्रम में डिंडोरी जिले का प्रशासन भी लगातार ताबड़तोड़ कार्यवाही कर शासकीय भूमि अतिक्रमण मुक्त कर रहा है। जिला मुख्यालय में शांति नगर, पुल पार हंस नगर, देवरा तथा सुक्खार में बड़ी कार्यवाही अतिक्रमण विरोधी दस्तें के द्वारा की गई जिसको नागरिकों के द्वारा सराहना भी मिली। वही उसकी निष्पक्षता को लेकर कुछ सवाल भी चर्चा में है। आरोप लगाए जा रहे हैं की अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही गरीबों और कमजोर तबके द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए हो रही है और इस कमजोर तबके पर अपनी जोर आजमाइश करके ही प्रशासन संतुष्ट है। जिले में भू माफिया एवं अवैध कब्जा राजनैतिक रसूख रखने वाले कई प्रभावशाली लोगों के द्वारा किए गए हैं उस अतिक्रमण पर शासन और प्रशासन मौन साधे हुए और कार्यवाही करने से बच रहे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का ऐसा ही एक मामला आई टी आई बिरसा मुंडा नगर के पास देखने मिलता है। जिसमें शासकीय भूमि पहले कलेक्टर न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 03/(अ-19-3)2015–16 आदेश दिनांक 02/12/2015 से जिला चिकित्सालय डिंडोरी को संपूर्ण प्रक्रिया अपनाने के उपरांत विधिक रुप से संचालक संचानालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल मध्यप्रदेश द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डिंडोरी, जिला डिंडोरी को हस्तांतरित की गई थी जिस पर आवासीय भवनों का निर्माण होना था किंतु लेटलतीफी के चलते अस्पताल प्रशासन के द्वारा हस्तांतरित भूमि पर आवासीय भवनों निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया जा सका और उक्त भूमि को अधिक्रमित कर लिया गया और बकायदा कब्जा कर उपयोग किया जा रहा है।

बताया जा रहा है उक्त भूमि पर अतिक्रमणकर्ता एक प्रमुख राजनीतिक दल का प्रभावशाली व्यक्ति है जिसके रसूख के चलते जिला प्रशासन और अस्पताल प्रशासन कार्यवाही करने से बच रहे हैं और उसे अनदेखा किया जा रहा है। डिंडोरी जिला आदिवासी बहुल जिला है और जिले में भूमि संबंधी विशेष प्रावधान लागू है ऐसी स्थिति में भी राजस्व अमले और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही आश्चर्य का विषय है। जनहित में अपेक्षा है कि संबंधित विभागों को चाहिए भूमि को तत्काल जनहित के प्रयोजनार्थ मुक्त करा कर जन कल्याण के किसी कार्य में उसका उपयोग किया जाना चाहिए जिससे आम नागरिकों को लाभ हो सके।

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