जबलपुर : मुर्दों की वेटिंग ख़तम करने, बढ़ाया गया शमशान का क्षेत्रफल
जनपथ टुडे, जबलपुर, 16 अप्रैल 2021, सरकारी अव्यवस्थाओं की नाकामी का सबूत अस्पताल से लेकर श्मशान तक दिखाई देने लगा है। कोरोना के कहर के आगे व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा चुकी है। श्मशान में मृतकों के परिजन चिता सजाने के लिए जगह तलाश रहे हैं, मुर्दे वेटिंग पर है।लेकिन इस मामले में प्रशासन संवेदनशील निकला भले ही सरकारी रिपोर्ट में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या कितनी भी कम बताई जाए, लेकिन चौहानी श्मशान घाट का क्षेत्रफल बढ़ा दिया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा चिता जलाई जा सके।
जबलपुर में 60 मौतें हुई थी प्रशासन ने आठ बताई
मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में कल सरकारी आंकड़े में 8 मौते बताई गई। जबकि गुरुवार को दो श्मशान घाटों पर 60 कोविड शवों का अंतिम संस्कार हुआ। एक शव परिजन अस्पताल में ही छोड़कर चले गए। कोबिड से मरने वालों के अंतिम संस्कार लोगों के में जगह की कमी होने लगी है। गुरुवार को जेसीबी लगाकर चौहनी शमशान घाट में जगह समतल की गई। इससे यहां 15 से 20 लोगों शवो के संस्कार के लिए आवश्यक जगह का इंतजाम हो गया। वहीं तिलवारा में भी कोविड संक्रमितों का अंतिम संस्कार शुरू कर दिया गया है। गुरुवार को यहां सात संक्रमितों के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
4614 एक्टिव केस अस्पतालों में 1602 बेड
अस्पतालों में एक एक बेड के लिए मारामारी की हालत है। यहां 4614 एक्टिव केस है और 2082 संदिग्ध केस हो चुके है शहर में कुल 764 वेंटिलेटर पर मरीज है। इसी तरह आक्सीजन सपोर्ट वाले 1602 बेड फुल है। निजी अस्पतालों के बाहर कारो में इस उम्मीद से मरीज इंतजार में है कि किसी मरीज की छुट्टी या मौत हो जाए तो उन्हें बेड मिल जाए।
अंतिम संस्कार मुश्किल था परिजन शव छोड़कर चले गए
मिल रही जानकारी के अनुसार गुरुवार को मेडिकल सहित शहर के प्राइवेट अस्पताल में कुल 59 लोगों की मौतें हुई वहीं गढ़ा और कांचघर में दो संक्रमितों की मौत घर पर हुई। 59 सालों में 31 की मौत मेडिकल कॉलेज में हुई। नगर निगम की टीम और मोक्ष संस्था की ओर से चौहानी शमशान और तिलवारा श्मशान घाट में शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सिवनी निवासी एक संक्रमित की मौत सुखसागर में होने के बाद परिजन शव छोड़ कर चले गए।
जबलपुर मेडिकल में बैड दलालों के माध्यम से ₹15000 में
अस्पतालों में बैठ की दलाली भी शुरू हो गई है। कटनी से संक्रमित होकर आए एक मरीज को भर्ती कराने के लिए परिजन बुधवार की पूरी रात परेशान हुए गुरुवार को दलाल ने ₹15000 लेकर मरीज को मेडिकल अस्पताल में बेड दिला दिया। मरीज के परिजन इस डर से उस दलाल की शिकायत करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं उनके मरीज के इलाज में लापरवाही न हो जाए। लोगों को अपने मरीज की जान की परवाह है दलालों की शिकायत करने के बजाए उनका अहसान मान रहे है लोग।