चौरादादर उप स्वास्थ्य केंद्र चार माह से बन्द पड़ा, ग्रामीण परेशान
रूपेश सारीवान :-
ग्रामीण क्षेत्रों में दम तोड़ती स्वास्थ सेवाएं
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 18 अप्रैल 2021, करजिंया ब्लाक अन्तर्गत चौरादादर उप स्वास्थ्य केंद्र चार माह से बन्द पड़ा हैं। गांव के सरपंच ने बताया की यहां पदस्थ नर्स चार माह से नहीं आ रही हैं। हम लोगो को स्वास्थ्य केन्द्र से एक गोली का भी सहारा नहीं मिलता। यहां नर्स केवल टीकाकरण करने के लिए आती हैं और वापस हो जाती हैं। बताया जाता है कि ये नर्स डिन्डौरी से आती हैं। यहां पदस्थ नर्स का नाम श्रीमति बताया जाता हैं। जिनका चार माह से पता नहीं हैं।
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यहां स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र सोनतीर्थ, .तरवरटोला, खारीडीह सहित लघभग छह गावों का सेन्टर हैं। किन्तु किसी को भी यहाँ पर दवा, गोली और उपचार नहीं मिलता। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि उक्त नर्स ट्रांसफर करवाना चाहती है इसी के चलते वे यहां ठीक से कार्य नहीं कर रही है।
कोरोना काल के चलते लोग क्षेत्र से बाहर नहीं जा पा रहे है। महिलाए, छोटे बच्चों और बुजुर्गो सहित सभी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है अतः जिला प्रशासन जल्दी से जल्दी कार्यवाही कर क्षेत्र में स्वास्थ सुविधा को दुरुस्त कर।
शासन के लाखों का व्यय और जनता को नहीं लाभ
शासन द्वारा यहां लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने हेतु भवन का निर्माण करवाया गया और यहां सेवा हेतु कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह हजारों रुपए वेतन, भत्ता के साथ स्वास्थ सामग्री प्रदान की जा रही है किन्तु लोगों को फिर भी इस केंद्र से स्वास्थ्य सेवा नहीं मिल पा रही है।
बताया जाता है कि भवन बाहर से तो चकाचक है अन्दर पूरा कचडा भरा हुआ हैं लापरवाही और अव्यवस्था का शिकार है। जिला प्रशासन कम से कम इस कठिन काल में तो ग्रामीणजन को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्यवाही करे यह जनापेक्षा है।
ताले में कैद स्वास्थ सेवाएं
जिले के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ सेवाओं को मजबूत करने, शासन करोड़ों अरबों रुपए खर्च कर रहा है। स्वास्थ केंद्रों में स्टाफ के रहने की भी व्यवस्थाएं और स्वास्थ्य सामग्रियों की आपूर्ति की जा रही है तब भी जिले के ग्रामीण अंचलों में विभाग के अधिकारियों के संरक्षण और अनदेखी के चलते यहां अक्सर ताले लगे दिखाई देते है। ग्रामीणों के द्वारा शिकायत करने पर भी लीपापोती कर दी जाती है और जिले के ग्रामीण अंचल में बहुत से ग्रामों में स्वास्थ्य सेवाए ताले में कैद देखी जा सकती है।