जिले में अवैध परिवहन और ओवरलोडिंग से सरकार को लग रहा चूना
डिंडोरी – जनपद टुडे, 12.02.2020
सड़कें हो रही खराब
शासकीय विभागों की मिलीभगत से चल रहा गोरखधंधा
अवैध कारोबार के हैं दस्तावेजी साक्ष्य है मौजूद
जिले में अवैध वाहनों द्वारा सरकारी विभाग में परिवहन का कार्य खुलेआम किया जा रहा है और शासन के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ जिले की सड़कों को भी ओवरलोड परिवहन से नुकसान पहुंच रहा हैं। ग्रामीण अंचल में बनाई जाने वाली सड़कें अपनी क्षमता से अधिक भार ढोने वाले वाहनों की आवाजाही के कारण समय के पहले क्षतिग्रस्त हो जाने से नागरिकों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। वही समयावधि के पूर्व विभाग न तो इन मार्गो की मरम्मत करते हैं न ही पुनः इन सड़कों का निर्माण संभव है। इस तरह परिवहन विभाग की निष्क्रियता की वजह से जिले में खुलेआम ओवरलोडिंग के चलते सड़के चंद दिनों में बर्बाद हो जा रही हैं और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा हैं।
अवैध वाहनों से हो रहा शासकीय विभागों में परिवहन
शासन को राजस्व की क्षति पहुंचाने वाले रोड टैक्स, फिटनेस, बीमा आदि जिन वाहनों का नहीं है वह भी शासकीय विभागों की सांठगांठ के चलते विभागों में नियम विरुद्ध परिवहन कार्य कर रहे हैं। किसी भी विभाग में परिवहनकर्ता के वाहनों के दस्तावेजों की जांच विभाग द्वारा की जाती है किंतु जिले में नागरिक आपूर्ति निगम में ऐसे दर्जनों वाहन पीडीएस,गेहूं उपार्जन, धान उपार्जन आदि कार्यों में लगाए जाते हैं जो परिवहन विभाग के नियमाअनुसार अवैध है और इनका लाखों रुपया टैक्स बाकी है।
सूत्र बताते हैं कि इसी तरह वन विभाग में जलाऊ और लट्ठों की ढुलाई कार्य में दूसरे प्रदेशों के कई दर्जन ट्रक लगाए जाते हैं जिनके द्वारा प्रदेश सरकार की न तो अनुमति ली जाती है ना ही रोड टैक्स चुकाया जाता हैं। इससे प्रतिवर्ष सरकार को राजस्व की बड़ी क्षति पहुंच रही है।
नागरिक आपूर्ति निगम के परिवहनकर्ता खुलेआम ओवरलोड परिवहन कर रहे हैं, जबकि शासकीय नियम अनुसार निर्धारित क्षमता से अधिक भार का परिवहन करना अवैध हैं।
बिना टैक्स और अनुमति के वन विभाग में परिवहन करने वाले वाहनों की प्रमाणिक जानकारी वन विभाग के अलग डिपो के गेट रजिस्टरों से प्राप्त की जा सकती है और इसी तरह नागरिक आपूर्ति निगम के गोदामों की देखरेख करने वाले वेयरहाउस विभाग के गेट रजिस्टरों से ऐसे अवैध वाहनों और ओवरलोड वाहनों की प्रमाणित जानकारी प्राप्त की जा सकती है, इस आधार पर यदि परिवहन विभाग के अधिकारी यदि चाहे तो इन वाहन मालिकों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए जुर्माने के बड़ी राशि की वसूली भी कर सकते है। महानगरों में सी.सी.टी.वी. के फुटेज के आधार पर जब वाहनों के चालान संभव है तब शासकीय विभागों के प्रमाणित दस्तावेजों के आधार पर परिवहन विभाग कार्यवाही कर मोटा राजस्व जमा करवा सकता हैं।