मोखा को पता था की उसके पास नकली इंजेक्शन आए हैं

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फर्जी बिल और अनाधिकृत डीलर से खरीदे गए थे उक्त इंजेक्शन- सीएसपी आर.डी. भारद्वाज

 

जनपथ टुडे, जबलपुर, 10 मई 2021, कल देर रात पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर जांच कर रही टीम ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई के मामले में सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा दवाई सप्लाई का काम देखने वाले उसके कर्मी देवेश चौरसिया, भगवती फार्मा सेल्स के मालिक सपन जैन एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने इस बात की पुष्टि की है।

2 दिन से चल रही इस हाईप्रोफाइल और चौका देने वाले मामले की जांच में पुलिस के सामने कुछ महत्वपूर्ण तथ्य आए हैं और यह सुराग हाथ लगते ही पुलिस ने बिना देरी किए इन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है।

सीएसपी ओमती ओमती आर.डी. भारद्वाज ने बताया कि जाँच के दौरान यह बात सामने आई है कि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और अन्य लोगों को इस बात की जानकारी थी कि जो इंजेक्शन उसके पास पहुंचे हैं वह नकली है और उसके बनाने वाले आरोपी गुजरात में पकड़े जा चुके हैं। इसके साथ ही पुलिस को यह भी महत्वपूर्ण सुराग मिला है कि इन नकली इंजेक्शनओं की खरीद पर उसके लिए इंदौर में सौदा हुआ था और जिससे यह इंजेक्शन खरीदे गए थे ना तो अधिकृत डीलर था और फर्जी बिल के माध्यम से इन इंजेक्शनओं की सप्लाई के प्रमाण भी मिले हैं। इन पुख्ता सबूतों के हाथ लगते ही पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर सिटी अस्पताल के संचालक बिल्डर सरबजीत सिंह मोखा, देवेश चौरसिया और सपन जैन और अन्य पर प्रकरण दर्ज किया गया है। तीनों पर पुलिस ने 274, 275, 308,420, 120 ए, 53 आपदा प्रबंधन , महामारी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।

गुजरात के मोरबी शहर से पकड़े गए सुनील मिश्रा ने इंदौर की विजय नगर पुलिस के समक्ष यह खुलासा किया था कि उसने 200 नकली इन्जेक्शन जबलपुर में बेचे है। इसकी तहकीकात में पुलिस को आधारताल निवासी भगवती फार्मा सेल्स के संचालक सपन जैन के बारे में जानकारी मिली तो उसे गुजरात पुलिस जबलपुर से पकड़ कर ले गई। सपन जैन के माध्यम से यह खुलासा हुआ कि उसने इंजेक्शन सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत से मोखा को दिए थे।

गुजरात पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए 90 लाख रुपए और 3370 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन जब्त किए हैं। इस मामले की जाँच में पुख्ता सबूत मिलने के बाद पुलिस ने आज मोखा, उसके कर्मी देवेश और सपन जैन सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। सीएसपी का कहना है कि इन आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस पार्टियां तैनात है और गिरफ्तारियां जल्दी होगी। साथ ही इस मामले की विवेचना जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी अन्य आरोपी भी सामने आ सकते हैं।

 

विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष है सबरजीत सिंह मोखा

 

नकली इंजेक्शन के मामले में सबरजीत मोखा का नाम सामने आने के बाद मोखा ने सोशल मीडिया पर अपनी सफाई दी थी और फिर दिल का दौरा उनको पड़े होने की जानकारी आई थी और वे भूमिगत हो गए। गौरतलब है कि जबलपुर के नामी बिल्डर और सिटी हस्पिटल के संचालक सबरजीत सिंह मोखा विश्व हिन्दू परिषद कार्यकारिणी के जबलपुर जिला अध्यक्ष है साथ ही सत्ताधारी भाजपा के कई नेताओं से उनके संबंध है। भाजपा ने उनका बड़ा रसूख बताया जाता है। 30 अप्रैल को सांसद राकेश सिंह के निवास पर प्रभारी मंत्री अरविंद भदोरिया की उपस्थिति में मोखा ने 11 लाख रुपए 500 बिस्तर के नए बन रहे कोविड केयर सेंटर के लिए लिए रेस क्रॉस समिति को देने की घोषणा की थी।

शासकीय भूमि को हड़प कर मल्टी स्टोरी कांप्लेक्स बनाने के आरोप में भी उन पर प्रकरण चल रहा है। वहीं बताया जाता है कि वे राजनीति में भी सक्रिय थे और उनके करीबियों के अनुसार वे विधायक बनने की तैयारी कर रहे थे। कहा जाता है जबलपुर में बड़ी संख्या में हुई कोविड के मरीजों की मौत के पीछे नकली रेमेडीसिविर इंजेक्शन की सप्लाई रही है। वहीं मोखा पर मामला दर्ज होने के बाद भी लोगों आशंका है कि राजनैतिक पहुंच के चलते उन्हें बचाया जावेगा। इनके भूमि विवाद से संबंधित मामले में भी निष्पक्ष जांच करने वाले अधिकारियों का ट्रांसफर करवाने में मोखा ने राजनैतिक पहुंच के चलते सफल रहे थे।

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