अमरकंटक में बारिश शुरू – पुष्कर सहित बांधो का कार्य अधूरा
जनपथ टुडे, अमरकंटक, 13 मई 2021, मां नर्मदा के प्रथम बांध पुष्कर बांध सहित अन्य 8 बांधों में रह गए शेष गाद तथा गहरीकरण का कार्य अब ऐसा लगता है कि इस वर्ष हो पाना संभव नहीं है।
अमरकंटक में इन दिनों प्रतिदिन दोपहर के बाद नियमानुसार बारिश, बिजली और गरज के साथ बारिश आ जाती है । इस प्रकार प्रतिदिन बारिश और भी तेज होती जा रही है । बारिश की वजह से पुष्कर बांध की गाद तथा गहरीकरणका कार्य अब ऐसा लगता है कि नहीं हो पाएगा।
केवल एक मशीन पुष्कर बांध में सुबह के समय गाद निकल कर एक किनारे करती है और दोपहर बाद बारिश की वजह से वही गाद फिर बांध की धारा में आ जाती है । एक तो पुष्कर बांध को जितना गहरा किया जाना था उतना नहीं किया गया । नियम कानूनू की दुहाई देकर पुष्कर सहित सभी बांधो की केवल खुरच दिया गया है । बांधो में मिट्टी के टीले जैसे के तैसे अब भी पड़े हुए हैं। थोड़ा बहुत जो किया जा रहा है वह भी लगता है कि टाल – मटोल कर इसी बांध में रहने देने की शायद पहले से ही योजना बनाई जा चुकी है । इस प्रकार का गैर जिम्मेदाराना कार्य अगर होता रहेगा तो वह दिन अब दूर नहीं कि अमरकंटक में आने वाले वर्षों में फिर मां नर्मदा के जल स्रोत मे कमी आ सकती है । नर्मदा का जल स्रोत अगर कम हो जाए तो कोई आश्चर्य की बात न होगी। क्योंकि यहां के बांध मां नर्मदा की सहायक नदियों जैसे जल स्रोतों को पर्याप्त जलधारण करने योग्य बनाया ही नहीं गया या तो छुआ भी नहीं गया । अमरकंटक में मां नर्मदा की सहायक सारी नदियां, तालाब, कुएं और प्राकृतिक जल स्रोत जल के बिना प्यास में दम तोड़ देंगे । जिस एजेंसी के द्वारा अमरकंटक के बांधों को गहरीकरण कार्य किया जा रहा है उन्हें चाहिए कि बाकी बांधों के गाद निकालने कार्य बाद में या अगले वर्ष किया जा सकता है, किंतु पुष्कर बांध और माधव सरोवर दो ऐसे बांध है जहां मां नर्मदा के जल भराव के पश्चात कभी भी काम नही हो पाएगा।
अतः इनका कार्य शीघ्र अति शीघ्र शेष गाद निकालने एवम गहरीकरण का कार्य संपन्न किया जावे अन्यथा किए गए कार्य का कोई लाभ नर्मदा को नहीं होने वाला जबकि विभाग और ठेकेदार की साठगांठ से करोड़ों रुपए व्यय कर दिए गए, स्थानीय लोग इस लापरवाही को लेकर लगातार आवाज भी उठाते रहे किन्तु जिला प्रशासन से भी कोई ध्यान नहीं दिया जिससे कार्य अधूरा ही रह गया।