नकली रेमडेसीविर बेच कर 5 दिन में 1.85 करोड़ कमाए, आरोपी को 2 दिन नींद नहीं आई

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कार में भी बना रखा था कारखाना

इंदौर और जबलपुर में 1200 इंजेक्शन खपाए थे

 

जनपथ टुडे, इंदौर, 29 मई 2021, मध्यप्रदेश के इंदौर में 700 नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन के मामले में छानबीन के लिए सूरत गई विजय नगर पुलिस ने फार्म हाउस से नकली इंजेक्शन बनाने में उपयोग ग्लूकोस और नमक जप्त किया है।आरोपियों की निशानदेही पर कुछ टूटे हुए इंजेक्शन भी मिले हैं।

आरोपियों ने 5 दिनों में इन नकली इंजेक्शन को बेचकर 1 करोड़ 85 लाख रुपए कमाए थे। फार्म में कौशल बोरा के पास से एग्रीमेंट व अन्य दस्तावेज जप्त हुए हैं। आरोपी कौशल बोरा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि नकली इंजेक्शन बेचकर सभी आरोपियों ने मिलकर केवल 5 दिनों में ₹ 1.85 करोड़ कमाए थे पूरी रकम कौशल के पास रखी हुई थी। इतना अधिक रुपए होने के कारण कौशल को 2 दिन नींद भी नहीं आई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी कौशल बोरा सूरत में मास्क और ग्लब्स का कारोबार करता है। अपने पार्टनर पुनीत शाह के साथ मिलकर उसने एक लाख नकली रेमडेसीविर इंजेक्शन पूरे देश में खपाए थे। इंदौर जबलपुर में 1200 के करीब इंजेक्शन खपाए गए थे। इंदौर में 700, जबलपुर में 500 इंजेक्शन इन्होंने बेचे थे। 700 में से इंदौर पुलिस को 660 की जानकारी मिली है 40 injection के लिए पुलिस छानबीन कर रही है। जबलपुर में पुलिस की पड़ताल जारी है मुख्य रूप से जबलपुर में इंजेक्शन बेचने वाले दवा व्यापारी सनत जैन और सिटी हॉस्पिटल के संचालक मोखा व उसके परिवार सहित कर्मचारियों को गिरफ्तार कर एस आई टी की टीम जांच कर रही है वहीं जबलपुर पुलिस मुख्य आरोपियों को भी पूछताछ हेतु जबलपुर लाने के प्रयास कर रही है।

आरोपियों ने सूरत के साथ-साथ मुंबई में इंजेक्शन तैयार करना शुरू कर दिया था। जब रुपयों की जरूरत होती थी तो वह मुंबई स्थित फ्लैट में इंजेक्शन तैयार करना उन्हें बेच दिया करते थे। आरोपी अपनी गाड़ी के अंदर भी एक सीसी पैक करने वाली मशीन को रखे हुए थे, जब भी जरूरत होती तो वह तुरंत ब्लू कोरोनावायरस रन बनाकर उसे सील पैक कर जरूरतमंदों को बेच देते थे।

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