कर्मचारियों को DA/DR देने के मूड में नहीं प्रदेश सरकार

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भोपाल, डेस्क जनपथ टुडेफरवरी,13, 2020
प्रदेश में विधानसभा के बजट सत्र की तैयारियां शुरू हो गई है। वित्त विभाग के अफसरों के मूड से समझ आ रहा है कि सरकार इस बार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता और पेंशनर्स को महंगाई राहत देने के मूड में नहीं है। केंद्र से बजट में कटौती के नाम पर प्रदेश सरकार पेट्रोल सहित कई चीजों पर टैक्स बढ़ा चुकी है। सरकार कुछ नए टैक्स भी प्लान कर रही है। सरकार के इस कदम से मध्य प्रदेश के 1500000 कर्मचारी और पेंशनर्स प्रभावित होंगे। इन सभी को 5% DA/DR मिलना है।

केंद्र में जुलाई में बढ़ाए DA/DR

केंद्र सरकार ने अक्टूबर में एकमुश्त पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता और राहत में बढ़ोतरी जुलाई 2019 से लागू की थी। परंपरा अनुसार इसी के साथ मध्यप्रदेश शासन को भी महंगाई भत्ता और महंगाई रात में बढ़ोतरी करनी थी परंतु सरकार लगातार मामले को टालते आ रही है। अक्टूबर 2019 में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए 12 से बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया तो कर्मचारियों और पेंशनर्स ने भी मांग उठाई। अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई का हवाला देते हुए मामले को टाला गया। तब से ही प्रस्ताव चल रहा है।

कर्मचारी संगठन लामबंद होगे

डीए और डीआर में वृद्धि का फैसला लगातार टलने की वजह से कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ने लगी है। विभिन्न् कर्मचारी संगठन इसको लेकर प्रदर्शन भी करने लगे हैं। पिछले दिनों सभी कर्मचारी संगठनों ने संयुक्त रूप से विंध्याचल भवन के सामने एकत्र होकर प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की है कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत केंद्र के समान बढ़ाई जाए।

चुनाव के समय कमलनाथ ने कहा था: पैसा की चिंता न करें

मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2018 के समय जब कमलनाथ से सवाल किया गया था कि वह तमाम घोषणाएं तो कर रहे हैं परंतु उनको पूरा करने के लिए बजट कहां से आएगा। प्रश्न का जवाब कमलनाथ ने एक लाइन में दिया था ” पैसा कहां से आएगा आप मुझ पर छोड़ दो।” कमलनाथ को कारोबारी नेता कहा जाता है,उनके अपने परिवार में 23 से ज्यादा कंपनियां हैं। इसलिए लोगों ने कमलनाथ के बयान पर विश्वास कर लिया था।

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