डिंडोरी:नर्मदा किनारे प्रतिबन्धत क्षेत्र में भवन निर्माण को हाईकोर्ट में दी है चुनौती

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पूर्व मंत्री और भाजपा नेता ओम प्रकाश धुर्वे के भवन निर्माण का मामला

 

प्रतिबंधित क्षेत्र में विधायक ओमकार मरकाम सहित दर्जनों भवन निर्मित

जनपथ टुडे, जबलपुर, 9 जून 2021, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में राज्य सरकार के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं पार्टी के दिग्गज नेता ओम प्रकाश धुर्वे द्वारा अपने राजनैतिक वजूद का फायदा उठाते हुए, डिंडोरी में नर्मदा नदी के तट पर 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में भवन निर्माण किए जाने को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफ़ी और जस्टिस सुजय पाल की डिविजनल बेंच में इस याचिका की सुनवाई नर्मदा नदी को लेकर विचाराधीन नर्मदा मिशन की मूल याचिका के साथ करने का निर्देश दिया है।

राज्य सरकार, कलेक्टर, ग्राम पंचायत और ओमप्रकाश धुर्वे को बनाया गया पक्षकार

इस मामले में राज्य सरकार, कलेक्टर डिंडोरी, ग्राम पंचायत देवरा और ओम प्रकाश धुर्वे को हाईकोर्ट द्वारा पक्षकार बनाया गया है।

गौरतलब है कि जनहित याचिका डिंडोरी के वार्ड नंबर 6 के निवासी वीरेंद्र केसवानी की ओर से दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे ने डिंडोरी के देवरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत नर्मदा नदी के 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में निजी भवन का निर्माण कर लिया है। याचिका में कहा गया है कि सूचना के अधिकार के तहत देवरा ग्राम पंचायत की ओर से मिली जानकारी से पता चला है कि पूर्व मंत्री ने भवन निर्माण के लिए किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं ली है। नियम विरुद्ध तरीके से नर्मदा नदी के प्रतिबंधित क्षेत्र में बिल्डिंग का निर्माण किया गया है।

अधिवक्ता राजेश चांद और आरवी साहू ने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि नर्मदा नदी के 300 मीटर क्षेत्र में किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जाएगा। इसके बाद ही पूर्व मंत्री ने अपने रसूख के दम पर नियम विरुद्ध तरीके से निर्माण कार्य कर लिया इस मामले में कलेक्टर और ग्राम पंचायत देवरा से शिकायत की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिविजनल बेंच ने इस मामले को नर्मदा नदी को लेकर विचाराधीन याचिका के साथ लिंक कर लिया है।

 सुबखार में पूर्व मंत्री व विधायक ने किया  प्रतिबंधित क्षेत्र में निर्माण

 

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नर्मदा तट से 300 मीटर के प्रतिबंधित क्षेत्र में जिला मुख्यालय में खुले आम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और अब तक जिला प्रशासन ने इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है। देवरा पंचायत के साकेत नगर और हंस नगर में ऐसे दर्जनों भवन है जो हाईकोर्ट के इस आदेश के विरूद्ध प्रतिबंधित क्षेत्र में बनाए गए है। वहीं सुबखार क्षेत्र में पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम द्वारा फार्म हाउस में नर्मदा तट की भूमि पर बेजा कब्ज़ा किए जाने का मामला प्रकाश में आया था जिस पर भी नाममात्र की कार्यवाही की गई थी और सूत्र बताते है वहां भी काफी भूमि पर प्रतिबंधित क्षेत्र में पक्की बाउंड्री वाल का निर्माण किया गया है। जबकि यहां किए जा रहे अवैध बाउंड्री वाल निर्माण को लेकर जनपथ टुडे द्वारा 5 नवंबर 2020 को ख़बर प्रकाशित की गई थी किन्तु राजनैतिक दबाव के आगे प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन आंखे बंद किए हुए बैठा रहा। हाईकोर्ट द्वारा राज्य शासन, कलेक्टर और ग्राम पंचायत को पक्षकार बनाए जाने के बाद प्रशासन अब कार्यवाही कर सकता है जिससे दोनों पूर्व मंत्रियों सहित दर्जनों नियम विरूद्ध नर्मदा तट के 300 मीटर के दायरे में किए गए अवैध निर्माणों के विरूद्ध कार्यवाही प्रशासन को करना पड़ सकती है।

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