मेहंदवानी कॉलेज, प्रभारी प्राचार्य पर झूठे साबित हुए आरोप

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जनपथ टुडे, डिंडोरी, 19 नवंबर 2022, मेंहदवानी शासकीय महाविद्यालय के बहुचर्चित प्रकरण की अंतिम रिपोर्ट आ गई जिसके अनुसार जांच अधिकारियों ने डा. मनीषा कोल के द्वारा प्रभारी प्राचार्य डॉ मनोज कुशवाहा पर लगाए गए सभी आरोप झूठे और प्रमाणहीन, तथ्यहीन साबित हुए है। गौरतलब है कि सहायक अध्यापक डा. मनीषा कोल ने महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद उनके विरुद्ध विभागीय जांच की जा रही थी। वहीं पुलिस थाना, मेंहदवानी में अपराधिक प्रकरण भी दर्ज करवाया गया था। मामले को लेकर काफी बवाल भी हुआ था तथा महाविद्यालय के छात्रों ने भी प्रभारी प्राचार्य डॉ मनोज कुशवाहा के पक्ष में प्रशासन को रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा था और राजनीतिक स्तर पर भी इस पर खूब राजनीति करने की कोशिश की गई थी। शिकायतकर्ता मनीषा कोल सहायक प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय मेहदवानी जिला डिण्डौरी द्वारा प्रस्तुत शिकायत पत्र के संबंध में जांच अधिकारी ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत कर बताया कि शिकायतकर्ता मनीषा कोल सहायक प्राध्यापक शासकीय महाविद्यालय मेहंदवानी जिला डिण्डौरी द्वारा शिकायत पत्र प्रस्तुत की गई थी जिसमे आरोप लगाया गया था है कि डा मनोज कुशवाहा प्रभारी प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय मेहदवानी द्वारा दिनांक 25.04.2022 को एक आदेश जारी कर इसे प्रताडित किया गया है।

शिकायत पत्र के संबंध में अनावेदक मनोज कुमार कुशवाहा पिता आर.एन.पी. कुशवाहा उम्र 47 साल, प्रभारी प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय मेहदवानी से पूछताछ कर कथन लेख किया गया है जिन्होने अपने कथन में बताया कि डा. मनीषा कोल इसके साथ शासकीय महाविद्यालय मेहंदवानी में सहायक प्राध्यापक जन्तु विज्ञान/ प्राणी शास्त्र के पद पर पदस्थ है। मनीषा कोल अपनी नियुक्ति दिनांक 16.12.19 के पश्चात से ही शासकीय लैपटाप को घर ले जाने को लेकर निजी उपयोग हेतु मना किये जाने की बात को रजिश बनाकर इसके एवं स्टाफ के विरूद्ध झूठी शिकायत की गई है। जिसकी जांच पूर्व के अधिकारियो द्वारा की गई है। जिसमें उसके द्वारा लगाये गये आरोप झूठे एवं तथ्यहीन पाये गये है। दिनांक 27.04.22 को शासकीय महाविद्यालय मेहंदवानी परिसर में अपशब्दों का प्रयोग करते हुये जोर-जोर से चिल्लाने लगी और महाविद्यालय का परीक्षा की तैयारी कर रहा उपस्थित स्टाफ बाहर आ गया। मनीषा कोल द्वारा लगातार अनुशासनहीनता एवं शासकीय आदेशो का उल्लघन किया जाता है। जिसकी सूचना इनके द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। जिससे नाराज होकर मनीषा कोल द्वारा इनके विरूध्द झूठी शिकायत की गई है। इनके द्वारा मनीषा कोल को कभी भी जातिगत शब्दों से अपमानित नही किया गया है।

शिकायत पत्र की समस्त जांच में पाया गया कि आवेदिका मनीषा कोल एवं अनावेदक मनोज कुशवाहा के मध्य पूर्व से मनमुटाव है जो एक दूसरे के विरूद्ध शिकायत करते आ रहे है। जिनकी जांच पूर्व में विभाग के अधिकारियो द्वारा की जाकर जांच प्रतिवेदन उनके कार्यालय के पत्र क्र. दिनांक दिनांक 03.09.2021 के माध्यम से भेजी जा चुकी है। शिकायत पत्र में आवेदिका द्वारा लगाये गये आरोप संबंध में यह तथ्य स्पष्ट होता है कि दिनांक 27.04.22 को शासकीय महाविद्यालय मेहंदवानी में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग जबलपुर एवं दिनांक 28.04.2022 को डा० आलोक सिन्हा विशेष कर्तव्य अधिकारी भोपाल का शासकीय महाविद्यालय मेहदवानी में आकस्मिक निरीक्षण में आने पर आवेदिका मनीषा कोल अनुपस्थित पाई गई थी जो अनावेदक मनोज कुमार कुशवाहा प्रभारी प्राचार्य होने पर वरिष्ठ अधिकारियो के निर्देश पर आवेदिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था जिसके मिलने पर आवेदिका के द्वारा द्वेष भावना पूर्ण झूठा आरोप लगाकर शिकायत प्रस्तुत की गई है। शिकायत पत्र में लगाये गये आरोप तथ्यहीन एवं अप्रमाणित है। प्राप्त जानकारी के अनुसार महाविद्यालय मेहंदवानी से उक्त सहायक प्राध्यापक का तबादला करते हुए शासन द्वारा उन्हें कार्यमुक्त भी कर दिया गया है, ताकि महाविद्यालय के छात्रों का भविष्य प्रभावित न हो।

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