“मनरेगा” में भ्रष्टाचार की बयार, मजदूर के खाते में लाखों रुपए का भुगतान
सप्लायर बता कर मेट को कर दिया गया दस लाख का भुगतान
पंचायत, उपयंत्री,एसडीओ पर शासकीय राशि के बंदरबांट के आरोप
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 27 जून 2021, जिले भर में मनरेगा अंतर्गत निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार की न सिर्फ चर्चाएं आम है, बल्कि लाखो रुपए के भुगतान मजदूर के खाते में किए जाने के भी मामले उजागर हो रहे है। अब इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक को देकर, जांच कर कार्यवाही की मांग भी की जा रही है।
मामला अमरपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बोधघुंडी का है। जहां ग्राम पंचायत द्वारा गांव के एक मजदूर को सामग्री आपूर्ति के नाम पर लगभग ₹10 लाख का भुगतान किया गया। साथ ही उसे ₹25000 मजदूरी का भुगतान भी किया गया है। उक्त मामले में प्राप्त शिकायत के अनुसार इस पूरे मामले में उपयंत्री और एसडीओ के द्वारा पंचायत पर दबाव बनाकर मजदूर के खाते में लाखों रुपए का भुगतान करवा कर राशि का बंदरबांट कर लिया गया।
क्या है मामला !!
भानपुर, विकास खंड अमरपुर निवासी पवन अहिरवार ने शपथ पत्र पर जानकारी देते हुए बताया है कि मैं पवन ट्रेडर्स के माध्यम से ग्राम पंचायतों में सामग्री की आपूर्ति करता हूं। ग्राम पंचायत बोधघुंडी के सरपंच, सचिव एवं उपयंत्री संतराम ओयाम के निर्देश पर वर्ष 2020 में मनरेगा अंतर्गत कराए जा रहे निर्माण कार्यों में सामग्री की आपूर्ति मेरे द्वारा की गई थी। ग्राम पंचायत को मेरे द्वारा की गई सामग्री आपूर्ति का लगभग सात लाख रुपए का भुगतान लंबित है, जो पंचायत द्वारा मुझे नहीं किया जा रहा है। जबकि मेरे द्वारा सप्लाई की गई सामग्री का भुगतान पंचायत द्वारा किया जाना दर्शाया जा रहा है। जिन निर्माण कार्यों में मेरे द्वारा मैटेरियल सप्लाई की गई थी उन सभी सामग्री का भुगतान महेंद्र परस्ते के नाम पर फर्जी तौर पर किया गया है। जिसमें महेंद्र परस्ते को सामग्री आपूर्ति का भुगतान पंचायत द्वारा लगभग ₹10 लाख रुपए कर दिया गया है। जबकि उसके पास न तो कोई मालवाहक है और न दुकान, बल्कि वह व्यक्ति इसी ग्राम पंचायत में मनरेगा अंतर्गत पंजीकृत मजदूर है। जिसका जॉब कार्ड क्रमांक 154/ ए है, जिससे पंचायत ने इसे वर्ष 2020 में 100 दिवस एवं वर्ष 2021 में 42 कार्य दिवस की मजदूरी का भुगतान मेट के तौर ₹26404 का किया गया है। वही अलग-अलग तारीखों पर 14 बिल लगाकर ₹964329 का भुगतान उसी बैंक खाते में उसी व्यक्ति को सामग्री आपूर्ति के लिए किया गया है।
इस तरह खुलेआम अधिकारियों, और ग्राम पंचायत द्वारा फर्जीवाड़ा कर शासकीय राशि एक मजदूर के खाते में भुगतान कर राशि का बंदरबांट किया गया । जबकि सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्म ने भुगतान न करने का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक डिंडोरी से की है। इस मामले में सहायक यंत्री पारस जैन एवं उपयंत्री संतराम ओयाम से संपर्क करने की कोशिश की गई किंतु उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो सका। वही पूरे मामले पर ग्राम पंचायत के सचिव ने मजदूर को लाखो रुपयों के भुगतान के संबंध में अधिक जानकारी नहीं होने की बात कहते हुए बाद में जानकारी देने की बात कही।
इनका कहना है
“महेंद्र परस्ते का मस्टर रोजगार सहायक द्वारा निकाला गया था। वह मनरेगा योजना अंतर्गत मेट का कार्य करता है। उसको मटेरियल का भुगतान भी किया गया है किन्तु मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है मैं आपको बाद में बता पाऊंगा।”
अमर कुशराम,
सचिव, ग्राम पंचायत बोधघुंडी,
अमरपुर डिंडोरी