नक्सल दस्तक के मद्देनजर सीमा पर किले बंदी की तैयारी

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चौकी के लिए जमीन की तलाश जारी

वन और पुलिस कर्मचारियों में हुई चर्चा

जनपथ टुडे, डिंडोरी, 3 जुलाई 2021, नक्सल प्रभावित जिला घोषित होने के बाद जिले की छत्तीसगढ़ और मंडला की सीमा पर पुलिस सरगर्मी बढ़ गई है। यहां नक्सल दस्तक की लगातार मिल रही सूचना और वारदात की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से सीमा पर किलेबंदी की तैयारी शुरू हो गई है। सुरक्षा बलों के लिए स्थाई कैंप, मोर्चा, चौकी और गश्त हेतु पुलिस अधीक्षक संजय सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विवेक कुमार लाल ने समनापुर के गौराकन्हारी, अजगर, ढाबा, चाड़ा, अधचरहा, गोपालपुर और चौरादादर वन क्षेत्र का मुआयना किया और जमीन चिन्हित की है। वनग्राम होने के चलते पुलिस ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा कर स्थल चयन में सहयोग प्राप्त किया।

 

इस दौरान विशेष निरीक्षक राजेंद्र विसेन, थाना प्रभारी समनापुर उमाशंकर यादव, थाना प्रभारी बजाग वेदराम हिनौते, करंजिया प्रभारी हरिशंकर तिवारी, वन परीक्षेत्र अधिकारी विष्णु पटेल, डिप्टी रेंजर अजय पोल सहित तमाम पुलिस बल मौजूद रहा।

 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 1 जुलाई से जिले के तीन थाना क्षेत्र बजाग, करंजिया और समनापुर को नक्सल प्रभावित सूची में शामिल कर लिया है। पिछले लंबे समय से इन थाना क्षेत्रों के सीमावर्ती जंगलों और ग्रामों में नक्सल मूवमेंट की गुप्त सूचनाए पुलिस को मिल रही थी। इन गतिविधियों के जोर पकड़ते ही केंद्र शासन ने जिले के इन इलाकों को नक्सल Effected का दर्जा दे दिया है। लिहाजा यहां सुरक्षा और व्यवस्था के मद्देनजर केंद्रीय सुरक्षा बल, हॉकफोर्से और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया जा रहा है। जिसके लिए आवश्यक संसाधन की उपलब्धता के लिये कोशिशें जारी है।

इसके साथ ही इन दुर्गम क्षेत्रों में रोजगार, शिक्षा, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, सड़क, सुरक्षा और संचार की व्यवस्था भी बेहतर की जावेगी। जिसके लिए सरकार द्वारा विशेष राशि भी मुहैया कराने का प्रावधान है। पुलिस कप्तान संजय सिंह ने बतलाया कि सीमा पर चौकसी हेतु गौराकन्हारी, चाडा और चौरादादर में पुलिस चौकी भी स्थापित की जावेगी। नक्सल उन्मूलन के लिए सुरक्षा बल बढ़ाने की दिशा में भी जोर शोर से कार्य चल रहा है।

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