खतरों से भरा शहपुरा – बटोंधा मार्ग, करोड़ों रुपयों के खर्च के बाद भी तीन सालों से अधूरा
शहपुरा से आशीष गौतम :-
अनिमित्ताओं और गड़बड़ियों के चलते तत्त्कालीन कलेक्टर ने ठेकेदार के विरुद्ध ब्लैकलिस्ट की कार्यवाही के दिए थे निर्देश
31 लाख 64 लाख है प्रशासकीय स्वीकृति
सितम्बर 2018 को शुरू हुआ था कार्य
जनपथ टुडे, डिंडोरी, 27 जुलाई 2021, सरकार जन सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है पर प्रशासनिक लापरवाही के चलते कार्यों को गंभीरता से पूर्ण नहीं किए जाने से आम आदमी को सुविधा तो दूर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है वहीं बरसात में लोग अपनी जान क बाजी लगाने मजबूर है किन्तु करोड़ों रुपयों की होली खेल चुके ठेकेदार और शासकीय विभाग का अमला नकारा बना बैठा है। अफसरों को न तो जनता की सुध है न सरकारी धन की बिना शोर मचे ये सिर्फ कुर्सी तोड़ते है।
ऐसा ही मामला विगत दिनों नागरिको को आवागमन की सहूलियत के लिए निर्मित होने वाले शहपुरा से बटौधा रोड निर्माण का उजागर हुआ तब आनन फानन ने लोगों के आवागमन की वैकल्पिक व्यवस्था रातो रात की गई। 31 करोड़ रुपयों की लागत से लगभग 31 किलोमीटर लंबे इस सड़क निर्माण के दौरान अमहाई सरई गांव के नजदीक उसरी नाला पर प्रस्तावित पल का निर्माण नही होने से ग्रामीण उफनाती नदी को पार करने एक पटिया का सहारा ले रहे हैं। हालांकि दिल को दहलाने और जान हथेली पर रख नदी को पार करने के मामले को जिला कलेक्टर ने गंभीरता से लिया है और ठेकेदार के साथ संवंधित अधिकारियों को जल्दी निर्माण शुरू करने की हिदायत जारी की है वहीं विभाग के अनुविभागीय अधिकारी को नोटिस जारी करने के भी निर्देश कल जारी किए गए है।
गौरतलब है कि शाहपुरा से बटौंधा रोड निर्माण हेतु शासन ने 31 करोड़ 82 लाख 94 हजार रूपए स्वीक्रत किये थे, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति 35 करोड़ 64 लाख 89 हजार रूपए तय की गई थी। करीब इकत्तीस किलोमीटर सडक निर्माण का कार्य लोक निर्माण विभाग की निगरानी में जबलपुर के एक ठेकेदार से करवाने 30 सितम्बर 2018 को भूमि पूजन किया गया था। लेकिन तीन वर्ष का समय बीतने के बाबजूद तीस किलोमीटर सडक का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है। वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि अभी तक किया गया निर्माण कार्य भी गुणवत्ताहीन है वहीं ठेकेदार द्वारा आमजन की सुविधाओं का ध्यान रखे बिना मनमानीपूर्ण तरीके से कार्य किया जा रहा है, जिससे लोग पिछले कई वर्षो से आवागमन को लेकर परेशान हो रहे है और संबंधित विभाग भी किसी की शिकायत सुनने तैयार नहीं है। ग्रमीणों के मुताबिक जगह जगह से सडक टूट चुकी है, इसके अलावा सीसी सडक निर्माण के दौरान किनारों पर पटरी तैयार नही किए जाने से वाहन चालक दुर्घटना के शिकार होते है। बताया गया है कि विभागीय उदासीनता के चलते लगभग पांच किलोमीटर रास्ते का निर्माण अब तक अटका पडा है, जिस पर आवागमन कठिन बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक इन अनिमित्ताओं पर पूर्व में तत्त्कालीन कलेक्टर ने ठेकेदार के विरुद्ध ब्लैकलिस्ट की कार्यवाही के निर्देश विभाग को दिए जा चुके है किन्तु विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की है। और अभी तक सड़क और पुलो का निर्माण अधूरा होना, लोक निर्माण विभाग की लापरवाही का प्रमाण है। विगत दिनों मीडिया के माध्यम से खबरों के माध्यम से बड़े स्तर पर जनता की अपेक्षा और मनमानी का मामला उजागर होने के बाद विधायक भूपेंद्र मरावी और प्रशासन ने युद्ध स्तर पर सड़क और पुल निर्माण के सख्त निर्देश विभाग को दिये हैं। इस पुल के अतिरिक्त इस मार्ग पर लोगों का चलना दूभर है।