चयनित शिक्षिकाओं ने उठक – बैठक लगाई और किया दंडवत

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नहीं पसीज रही सरकार – प्रदर्शन से सरकार की छवि पर पड़ रहा असर

जनपथ टुडे, भोपाल, 18 अगस्त 2021, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय परिसर में आज चयनित शिक्षिकाओं ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। इस बार चयनित महिला शिक्षिकाओं ने कान पकड़ कर उठक बैठक लगाई और दंडवत किया। यह सभी उम्मीदवार प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पास होकर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करा चुके हैं। किन्तु दो वर्षो से उन्हें स्कूलों में पदस्थापना नहीं दी जा रही है

चयनित शिक्षको के विनम्रता पूर्वक प्रदर्शन से नहीं पसीजी सरकार

इस तरह के मामले में उग्र आंदोलन और उग्र प्रदर्शन देखे जाते हैं वही प्रतियोगी परीक्षा पास करने के बाद अपने दस्तावेजों का सत्यापन करा चुके यह शिक्षक अपनी पदस्थापना का इंतजार कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में उम्मीदवार लगातार विनम्रता पूर्वक बिना किसी कानून का उल्लंघन किए अपनी बात सरकार के सामने रख रहे हैं। किंतु अब तक सरकार के द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई है।पिछले तीन वर्षो से अपनी पदस्थापना के लिए भटक रही महिलाओं शिक्षिकाओं की उठक बैठक और दंडवत किए जाने की खबर और वीडियो पूरे प्रदेश और देश में वायरल हो रहे है। जिससे लोकप्रिय सरकार की छवि पर सवाल खड़े किए जा रहे है।

आज प्रदेश की चयनित महिला शिक्षक रक्षाबंधन के त्यौहार पर सीएम शिवराज सिंह चौहान को राखी समर्पित करने और उपहार में नियुक्ति पत्र की भीख मांगने के लिए आई थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान स्वयं को मध्य प्रदेश की बहन बेटियों का भाई और मामा बताते हैं। किंतु आश्चर्यजनक है कि राखी स्वीकार करने के लिए भी उन्होंने किसी को नहीं भेजा।

व्यवसायिक प्रशिक्षकों के मामले में भी सरकार के खिलाफ न्यायालय का निर्णय

इसी तरह सरकार ने जुलाई माह में प्रदेश में पिछले चार पांच सालों से कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों को हटा कर आउट सोर्श कम्पनियों से नई नियुक्ति करने हेतु अनुबंध कर लिया। जिसके परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में अनुभवी प्रशिक्षकों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं निजी कम्पनियां अन्य लोगों की भरती प्रक्रिया प्रारंभ कर रही है। इन प्रशिक्षकों के ज्ञापन और प्रदर्शन की अनदेखी करते हुए सरकार ने कोई न्यायपूर्ण निर्णय नहीं लिया। जिस पर न्यायालय द्वारा कल एक आदेश जारी कर पूर्व से कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों को यथावत रखे जाने के आदेश दिए है। पिछले एक माह से पटवारी संघ सहित कई कर्मचारी संघ हड़ताल कर रहे है किन्तु सरकार किसी की भी बात सुनने तैयार हूं नहीं है।

पिछले तीन वर्षो से अपनी पदस्थापना के लिए भटक रही महिलाओं शिक्षिकाओं की उठक बैठक और दंडवत किए जाने की खबर और वीडियो पूरे प्रदेश और देश में वायरल हो रहे है जिससे लोकप्रिय सरकार की छवि पर सवाल उठ रहे है।

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